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एमपी में धरती उगल रही सिक्के, खुदाई करने टूट पड़े लोग
मध्यप्रदेश में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जहां धरती पुरातत्व कालीन सिक्के उगल रही है। सिक्कों को पाने की चाहत में लोगों का हुजूम टूट पड़ा। लोगों को जब यह लगा कि खेत के नीचे खजाना दबा है तो लोग हाथों से ही खेत की खुदाई करने में जुट गए। यहां लोगों को तांबे, पीतल और काली रंग की धातु के सिक्के मिले हैं। खजाने की तलाश में युवा, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक जुटे हुए हैं। यह सब होने के बावजूद पुरातत्व विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी है।
तांबे, पीतल के मिले सिक्के
मामला एमपी के दमोह जिले का बताया गया है। यहां हटा ब्लाक की उपतहसील मड़ियादो के गांव मादो के एक खेत में सिक्के मिलने का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया है कि एक खेत में जेसीबी से खुदाई के दौरान कुछ प्राचीन सिक्के मिले थे। सिक्के मिलने की खबर जैसे ही लोगों को लगी वह खेत की खुदाई करने में जुट गए। युवा से लेकर बुजुर्ग तक हाथों से ही खेत को खोदने लगे। कुछ लोगों को तांबे, पीतल और काली रंग की धातु के सिक्के मिले हैं। इन सिक्कों में उर्दू भाषा अंकित है। लोगों द्वारा इन ऐतिहासिक सिक्कों को दिखाया भी जा रहा है। खजाने की तलाश में जुटे लोगों को खजाना तो नहीं मिला सिक्के जरूर हासिल हुए हैं।
जेसीबी कर रही थी खेत की खुदाई
बताया गया है कि दमोह के मादो गांव निवासी सुदामा सिंह लोधी के खेत में जेसीबी से खुदाई करवाई जा रही थी। जहां सबसे पहले सिक्के निकलने का मामला प्रकाश में आया। बताया गया है कि मड़ियादो मादो चंदेना मार्ग का निर्माण चल रहा है जिसके चलते मार्ग के लिए मिट्टी खुदाई का काम कराया जा रहा था। जहां धरती के नीचे से सिक्के निकले। जिसके बाद यहां सिक्के निकलने की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। सिक्के खोजने के लिए लोग जमा हो गए और उनके द्वारा खुदाई की गई तो कुछ लोगों को सिक्के भी मिले।
मुगलकालीन हो सकते हैं सिक्के
मादो गांव में खेत की खुदाई के दौरान लोगों को जो सिक्के हासिल हुए हैं उनमें उर्दू भाषा अंकित है। उर्दू भाषा अंकित होने के कारण स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मुगलकालीन हो सकते हैं। सिक्के मिलने की जानकारी मिलते ही मौके पर लोगों का हुजूम टूट पड़ा और वह सिक्कों की तलाश में जुट गए हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें जो सिक्के मिले हैं वह पीतल और तांबे के हैं।