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अधिकारियों की लापरवाही से एमपी में हो सकता था बड़ा रेल हादसा, रेलवे ने दो इंजीनियर समेत तीन को नौकरी से निकाला
इटारसी से जबलपुर की तरफ आ रही एक मालगाड़ी का पॉइंट चेंज हो गया और वह मेन लाइन से लूप लाइन में चली गई.
जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) जोन के तीन कर्मचारियों को अपने दायित्व के प्रति लापरवाही बरतने के चलते नौकरी से हाथ धोना पड़ा. नौकरी गंवाने वालों में सिग्नल एंड टेलीकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट का एक सीनियर सेक्शन इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर और एक टेक्नीशियन शामिल है.
मामला ओडिशा के बालेश्वर में हुए ट्रेन हादसे से पहले का है. 22 मार्च को जबलपुर रेल मंडल (WCR) में भी ट्रैक के सिग्नल और पॉइंट में गड़बड़ी हुई थी. इस दौरान इटारसी से पिपरिया के बीच बागरातवा के पास जबलपुर मंडल के सिग्नल एंड टेलीकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट के दो अधिकारी और एक कर्मचारी काम कर रहें थें. इनके द्वारा सिग्नल और पॉइंट में तो सुधार कर दिया गया, लेकिन इसके बाद सुधार कार्य की जो टेस्टिंग करनी थी, वह इन अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा नहीं की गई.
जिसकी वजह से इटारसी से जबलपुर की तरफ आ रही एक मालगाड़ी का पॉइंट चेंज हो गया और वह मेन लाइन से लूप लाइन में चली गई. जबलपुर रेल मंडल ने इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए जांच के आदेश दे दिए.
पमरे के वरिष्ठ मंडल सामग्री प्रबंधक विराट गुप्ता के अनुसार, घटना के बाद मंडल के अधिकारियों ने इसकी जांच की. जांच में सिग्नल एंड टेलीकम्यूनिकेशन डिपार्टमेंट के सीनियर सेक्शन इंजीनियर धनञ्जय सिंह, जूनियर इंजीनियर मनीष कुमार और तकनीशियन शुभम सोलंकी दोषी पाए गए. 20 जून को जांच रिपोर्ट आने के बाद जबलपुर रेल मंडल ने तीनों दोषियों को नौकरी से निकाल दिया.