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MP: NCL कंपनी प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण असमय काल के गाल में समा रहे लोग
सिंगरौली (Singrauli) जिला मुख्यालय को जोडऩे वाली मुख्य सडक़ पर जान को जोखिम में डालकर लोग चलने को मजबूर हैं। दूसरी ओर हर वर्ष कोयला उत्पादन व प्रेषण लक्ष्य के अलावा सड़क मार्ग से कोयले के परिवहन का लोभ कंपनी प्रबंधन द्वारा नहीं छोड़ने के कारण लगातार दूसरे दिन भी एक निर्दोष युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी।
सिंगरौली जयंत मार्ग पर भारी प्रदूषण के कारण कोयले का उड़ता गुबार लाखों नागरिकों के स्वास्थ्य और उनके जीवन पर ग्रहण लगा रहा है। दूसरी ओर एनसीएल प्रबंधन कोयले के उत्खनन और प्रेषण को मानवीय जीवन से ऊपर मान रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंपनी फायदे को देखते हुए भारी वाहनों के द्वारा कोयले का परिवहन कराती है जिस कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती हैं लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं। 24 घंटे के अंदर दो लोगों की सड़क दुर्घटना में जान चली गई। वहीं आये दिन विवाद की स्थिति भी निर्मित होती है।
आपको बता दें कि बीते रविवार को हुई सडक़ दुर्घटना में झिगुरदा निवासी शिव कुमार सिंह पिता स्वर्गीय शिवबंधन सिंह उम्र 25 वर्ष को अपनी जान गंवानी पड़ी। बताया जाता है कि मृतक शिवकुमार अपनी बेटी को लेकर जयंत की ओर जा रहा था कि तभी जयंत की ओर ही जा रहे कोल वाहन की चपेट में आ गया। गंभीर अवस्था में घायल शिवकुमार ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। इस हादसे के बाद सडक़ के दोनों तरफ वाहनों का लंबा जाम लग गया।
घटना की जानकारी मिलने पर मोरवा पुलिस मौके पर पहुंच गई। इस हादसे के बाद दलगत नेताओं के साथ ही भारी संख्या में क्षेत्रीय लोगों ने घटनास्थल पर पहुंचकर एनसीएल प्रबंधन के विरुद्ध कड़ा विरोध जाताया। मृतक के शव को सडक़ पर रखकर एनसीएल प्रबंधन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। हालात बिगघ्ता देख एसडीएम सिंगरौली ऋषि
पवार समेत नवानगर टीआई रावेन्द्र द्विवेदी भी भारी बल के साथ मौके पर पहुंच गए। घटना के बाद से ही इस मार्ग पर काफी देर तक आवाजाही ठप रही। करीब 17 किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। स्थानीय लोगों ने रोड नहीं तो कोयला नहीं के नारे लगाते मांग की है कि एनसीएल के अध्यक्षता प्रबंधक निदेशक प्रभात कुमार सिन्हा घटनास्थल पर पहुँचकर वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करें।