मध्यप्रदेश

एमपी: भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत 20 जिलों में 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे चिकित्सक

MP MBBS BDS Seat Reservation
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MP Doctors Strike: मध्य प्रदेश के नागरिको के लिए बेहद जरूरी खबर सामने आ रही है। एमपी के लगभग 20 जिलों के हजारो डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है

मध्य प्रदेश के नागरिको के लिए बेहद जरूरी खबर सामने आ रही है। एमपी के लगभग 20 जिलों के हजारो डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है।

बता दें की राजधानी भोपाल समेत कई जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने शासन की वादाखिलाफी पर हड़ताल का नोटिस थमा दिया है। बुधवार को भी ये प्रदेश भर में काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। इनका कहना है कि सरकार ने इन्हें एक महीने में सारे मुद्दे सुलझाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक उनकी मांगों को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं, इसीलिए वो ये फैसला ले रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुरानी पेंशन बहाल, डीएसीपी नीति लागू करने, अधिकारियों ही दखलअंदाजी और पदोन्नति के लिए बनाई गई है एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन जैसी कई मांगों को लेकर इन्होंने हड़ताल पर जाने का नोटिस दे दिया है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, शहडोल, कटनी, सतना, रतलाम, शिवपुरी, खंडवा समेत 20 जिलों ने सम्पूर्ण चिकित्सीय कार्य बंद का नोटिस दिया है।

अभी तक लागू नहीं हुआ निर्णय

बताया जा रहा है की तीन बैठकों के बाद 31 मार्च को समिति की निर्णायक बैठक हुई जिसमें सभी सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर कर मीटिंग में रखे गए मुद्दे सरकार को भेजे । लेकिन इसके बाद करीब 25 दिन बीत चुके हैं और उस बैठक में लिए गए निर्णयों को अब तक लागू नहीं किया गया। इसलिए 16 अप्रैल को इंदौर में महासंघ की बैठक के बाद इन्होने फैसला लिया है कि 1 मई से ये अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।

उच्च स्तरीय समिति का किया था गठन

जानकारी के अनुसार 17 फरवरी 2023 को मध्य प्रदेश के करीब 10,000 शासकीय/ स्वशासी चिकित्सकों ने प्रशासनिक अधिकारियों की दखलंदाजी, डीएसीपी, चिकित्सकों के निश्चित आगे बढ़ने के अवसर, संविदा चिकित्सकों की परशनियों जैसे मुद्दे को लेकर 17 फरवरी को हड़ताल की थी। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात महासंघ के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया गया कि एक महीने में उनकी समस्याओं का निराकरण कर दिया जाएगा। इसे लेकर तत्काल एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया जिसे एक महीने की समय सीमा दी गई।

Suyash Dubey | रीवा रियासत

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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