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एमपी धार के मांडू में दिव्यांग कलाकार ने दिखाई प्रतिभा, पत्थर से बनाई जहाज महल की कलाकृति
मध्यप्रदेश धार के मांडू में दिव्यांग कलाकार ने पत्थरों से जहाज महल की कलाकृति बनाई है। उसकी इस प्रतिभा को देख लोग आश्चर्यचकित हैं। यह कलाकृति लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। केन्द्रीय पुरातत्व विभाग भी उसके इस काम से खुश हैं। विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों ने उसके काम की तारीफ करते हुए भविष्य में इस क्रम को आगे बढ़ाने की भी बात कही है।
कलाकृति देख आश्चर्यचकित हो रहे सैलानी
मांडू का जहाज महल वैसे तो आकर्षण का केन्द्र है किंतु इन दिनों महल में ही काम करने वाले स्थानीय दिव्यांग कलाकार करण बामनिया ने पत्थरों से जहाज महल की कलाकृति तैयार की गई है। जिसको देखकर सैलानी आश्चर्यचकित हो रहे हैं। इस हूबहू कलाकृति को जहाज महल के सामने ही लगाया गया है। कलाकार करण के दोनों पैर खराब हैं उसके पैर काम नहीं करते। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अद्भुत कला सीखी। वह पिछले तीन वर्ष से जहाज महल की कलाकृति को बनाने का काम कर रहे हैं। यह काम उन्होंने अपना मूल काम करते हुए अतिरिक्त समय में किया है। वह केन्द्रीय पुरातत्व विभाग में अस्थायी कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं। जिसकी सराहना केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने भी की है।
मांडू के अन्य महलों की भी बनाएंगे कलाकृति
दिव्यांग कलाकार करण बामनिया प्रतिभा के धनी हैं। उनकी जहाज महल की कलाकृति को यहां पहंुचने वाले लोग देखते ही रह जाते हैं। इस प्रतिकृति में पूरे महल के हिस्से को दर्शाया गया है। इस प्रतिकृति की तारीफ यहां आने वाले अति महत्वपूर्ण मेहमानों द्वारा भी की जा चुकी है। यहां पर यह बता दें कि जी-20 सम्मेलन के दौरान भी अतिथियों ने जहाज महल भ्रमण करते हुए करण की इस कलाकृति को देख उसकी तारीफ की थी। करण का कहना है कि उनको खुशी होती है जब देश और दुनिया के लोग यहां आकर इस कलाकृति को देखकर उसकी तारीफ करते हैं। करण के मुताबिक वह किसी भी चीज को एक बार देखकर उसे उसी तरह बना सकते हैं। जहाज महल की कलाकृति के बाद अब वह रानी रूपमती महल, होशंगशाह का मकबरा आदि की भी कलाकृति बनाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें मदद मिले तो इस दिशा में और भी आगे बढ़ना चाहता हूं।