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एमपी के दमोह में नहीं मिला शव वाहन, पोस्टमार्टम के बाद घर तक लाने चारपाई का लिया सहारा
मध्यप्रदेश में दमोह में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। पोस्टमार्टम के बाद घर तक ले जाने के लिए शव वाहन नहीं उपलब्ध कराया गया। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण निजी वाहन करने में असमर्थ थे। ऐसे में परिजनों द्वारा वाहन उपलब्ध कराने आग्रह किया गया किंतु वाहन मुहैया नहीं हो सका। जिससे परिजन मजबूरी में शव को चारपाई में रखकर घर तक ले गए।
ससुराल में हो गया था विवाद
दमोह के पथरिया वार्ड क्रमांक-14 निवासी राजेश पिता नारायण अहिरवार की पत्नी चार दिन पहले ससुराल से बिना बताए मायके चली गई थी। उसके वापस नहीं आने पर पति उसको बुलाने अपने साढू और एक दोस्त के साथ अपनी ससुराल कर्रापुर पथरिया गया हुआ था। राजेश ससुराल पहुंचकर उससे घर वापस चलने को कहा, जिस पर विवाद हो गया। युवक के साले ने भी विवाद शुरू करते हुए मारपीट पर उतारू हो गया। राजेश के दोस्त ने विवाद की उसके छोटे भाई को फोन पर दी। इसके बाद वहां से चले आए।
ट्रेन दुर्घटना में हो गई थी मौत
राजेश के पिता का कहना है कि वह मंगलवार को रात 8 बजे ससुराल से वापस आ गया जिसके बाद घटनाक्रम की जानकारी दी। ससुराल में हुई मारपीट से पुत्र आहत था, उसने खाना भी नहीं खाया और सोने चला गया। बुधवार की सुबह पुलिस द्वारा इस आशय की सूचना दी गई कि ट्रेन दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई है। जिसकी शिनाख्त उनके पुत्र राजेश के रूप में की गई। मृतक के आठ साल का बेटा और 10 वर्ष की बेटी भी है। जिसके बाद मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया।
मजबूरी में शव को चारपाई में लादकर लाए
मृतक के परिजनों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है। ऐसे में पोस्टमार्टम के बाद शव को घर तक लाने के लिए निजी वाहन करने में असमर्थ थे। वाहन उपलब्ध कराने के लिए नगर परिषद को कई बार फोन लगाकर आग्रह किया गया किंतु वाहन मुहैया नहीं हो सका। इतना ही नहीं वार्ड पार्षद हर प्रसाद अहिरवार ने भी नगर परिषद से शव वाहन की मांग की गई किंतु जब उपलब्ध नहीं हो सका तब परिजन मजबूरी में शव को चारपाई पर लादकर घर तक ले आए। मृतक के चाचा रामचरण अहिरवार और परिजन अनिल अहिरवार के मुताबिक नगर परिषद को फोन लगाने के बाद भी शव वाहन नहीं उपलब्ध करवाया गया।
इनका कहना है
इस संबंध में नगर परिषद अध्यक्ष सुंदरलाल विश्वकर्मा का कहना है कि शव वाहन बिगड़ा हुआ है। सूचना मिलने के बाद उनके द्वारा ट्रैक्टर भेजा गया था। जिसमें रखकर शव को मर्चुरी तक ले जाया गया। जिसके बाद ट्रैक्टर वापस आ गया। परिजनों को ट्रैक्टर को रुकवाकर रखना था। उनके द्वारा ट्रैक्टर नहीं रुकवाया गया तो वह क्या कर सकते हैं।