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सागर लोकायुक्त के शिकंजे में फसे दमोह के CMO और अकाउंटेंट, ठेकेदार से ले रहे थे रिश्वत के 1 लाख
Sidhi MP Lokayukta
Damoh Lokayukta Trap: सरकार की लाख कारवाही के बाद भी भ्रष्टाचारियों के रिश्वत की भूख कम नहीं हो रही है। पैसा मिले कहीं से मिले इस फार्मूले पर आज भी काम कर रहे हैं और भ्रष्ट अधिकारी लोकायुक्त के शिकंजे मैं फंस रहे हैं। मंगलवार दोपहर के समय सागर लोकायुक्त (Sagar Lokayukta) ने कार्रवाई करते हुए दमोह (Damoh) के तेंदूखेड़ा नगर पंचायत (Tendukheda Nagar Panchayat) सीएमओ और अकाउंटेंट को 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई ठेकेदार की शिकायत पर की गई।
कमीशन के चक्कर में अटकी फाइल
जानकारी के अनुसार दमोह के तेंदूखेड़ा नगर पंचायत सीएमओ प्रकाश पाठक ने बिल पास करवाने ठेकेदार से 13 प्रतिशत कमीशन माग रहे थे। जिस पर ठेकेदार ने असमर्थता जताई थी। लेकिन सीएमओ अपनी मांग पर अड़े रहे। परिणाम स्वरूप कमीशन न मिलने पर उन्होंने फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
लोकायुक्त से शिकायत
परेशान ठेकेदार ने इस मामले की शिकायत लोकायुक्त से कर दी। परिणाम स्वरूप लोकायुक्त ने मामला दर्ज कर गुप्त जांच की। मामला सही पाए जाने पर कार्रवाई के लिए जाल बिछाया गया। मंगलवार को लोकायुक्त ने केमिकल लगे 1 लाख रुपए ठेकेदार को दीया।
कार्यालय में हुई कार्रवाई
लोकायुक्त से मिले रुपए लेकर ठेकेदार सीएमओ कार्यालय पहुंच गए। जैसे ही उन्होंने रिश्वत के रुपए सीएमओ ओम प्रकाश पाठक और अकाउंटेंट जितेंद्र श्रीवास्तव को दिया लोकायुक्त टीम के मौजूद लोगों ने पुणे रंगे हाथ पकड़ लिया। वही हाथ धूलवाते ही लगे केमिकल का रंग दिखने लगा।
नाली और सड़क निर्माण का था बिल
ठेकेदार ने जानकारी देते हुए बताया के के द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र में कुछ महीने पहले नाली और पीसीसी सड़क निर्माण का कार्य करवाया था। जिसका बिल पास करने के लिए सीएमओ 13 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे।
संदेह के दायरे में एक सब इंजीनियर
वही जानकारी मिल रही है की बिल पास करवाने और कमीशन की साझेदारी सीएमओ के साथ एक सब इंजीनियर की भी थी। लेकिन मंगलवार को वह सब इंजीनियर कार्यालय नहीं आया जिससे वहां बच गया। फिर भी लोकायुक्त की जांच में सब इंजीनियर को आरोपी बनाया गया है। फिलहाल उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है ना ही उसकी गिरफ्तारी हुई है।