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MPPEB सब इंजीनियर रिजल्ट 2023 को लेकर विवाद, परिणाम को लेकर परीक्षार्थी परेशान, जानें क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने भले ही छवि सुधार करने के लिए मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) का नाम बदलकर मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल क्यों न रख दिया हो लेकिन यह हमेशा विवादों से घिरा रहता है।
एक बार फिर मंडल विवादों से घिरता नजर आ रहा है। बता दें की यह तब हुआ जब एमपी के विभिन्न विभागों में निकाले गए सब इंजीनियर के पदों का परीक्षा रिजल्ट जारी किया गया। परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया है की मंडल ने गलत तरीके से रिजल्ट जारी किये है।
बताया जा रहा है की रिजल्ट में एक ही छात्र को कई विभागों के लिए चयनित दिखाया गया है। मतलब जारी मेरिट लिस्ट के अनुसार एक ही छात्र कई विभागों के लिए चयनित किया जायेगा। जबकि रिजल्ट अभ्यार्थी के प्रिफरेंस के आधार पर जारी किये जाते है। ऐसे में मंडल ने कई छात्रों को वेटिंग में डाल दिया है।
असमंजस की स्थिति निर्मित
बता दें की मंडल द्वारा जारी इस रिजल्ट से परीक्षार्थियों में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है। अब जो छात्र वेटिंग लिस्ट में हैं उन्हें यह नहीं समझ आ रहा है की वो अंदर हैं या बहार? अगर उन्हें चांस मिलता है तो कैसे मिलेगा? क्या मंडल इससे जुड़ा नोटिफिकेशन जारी करेगा या कोई और प्रक्रिया से नियुक्ति की जायेगी? ऐसे में कई छात्र परेशान नजर आ रहे हैं।
चेयरमैन को भेजा पत्र
इसको लेकर कई परीक्षार्थियों ने मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के चेयरमैन को पत्र भी जारी किया है। जिसमे कहा गया है कि सब इंजीनियर परीक्षा 2022 जो कि 6 से 12 नवंबर 2022 में करायी गयी थी उसका परिणाम दिनॉक 10 फरवरी 2023 को घोषित हुआ जिसमें इलेक्ट्रिकल और मेकेनिकल ब्रांच के चयनित परीक्षार्थियों को 2 या अधिक विभागों में मेरिट प्रदान की गई है।
जबकि परीक्षा के फॉर्म में पोस्ट प्रिफरेंस मांगी जाती है जिसके अनुसार परीक्षार्थी के प्राप्तांक के अनुसार उसे एक ही विभाग आवंटित किया जाना चाहिए। किन्तु इस बार के रिजल्ट में यह देखा गया है कि प्रत्येक चयनित परीक्षार्थी को 2 या उससे अधिक विभाग आवंटित किए गए हैं जबकि वह एक ही विभाग का पद ग्रहण कर सकेगा।
परीक्षार्थियों ने चेयरमैन से आग्रह करते हुए कहा है जो अन्य विभाग उसको आवंटित किए गए हैं वह दूसरे परीक्षार्थी को आवंटित किए जाने चाहिए, तथा चयनित परीक्षार्थी को उसके पोस्ट प्रिफरेंस के अनुसार एक ही विभाग आवंटित होना चाहिए।
घोटाले का डर
जैसे की व्यापम के पुराने रिकार्ड्स सही नहीं हैं, कई परीक्षार्थियों को घोटाले का भी डर सता रहा है। कई परीक्षार्थियो ने यह भी आरोप लगाया है की एक छात्र को दो-दो विभाग में डालकर उसे किसी एक विभाग में ही नियुक्ति दी जायेगी फिर बची हुई सीटो की धांधली की जा सकती है। गौरतलब है की इसमें कितनी सच्चाई है यह आने वाले समय में ही पता चल पाएगी। परीक्षार्थियो ने मांग की है कि इस मामले को मंडल के आला अधिकारियों को संज्ञान में लेना चाहिए और बारीकी से मामले को समझ कर फिर रिजल्ट जारी करना चाहिए क्योंकि यह सैकड़ो अभ्यथियो की जिंदगी का सवाल है।