- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- एमपी: हाईकोर्ट पहुंचा...
एमपी: हाईकोर्ट पहुंचा आरक्षक भर्ती मामला, चयन प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप
MP Constable Bharti Jabalpur High Court News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पुलिस आरक्षकों की भर्ती प्रकिया विवादों के घेरे में आ गई है। चयन प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाते हुए याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई है।
इसी याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश में कहा है कि अदालत की अनुमति के बिना पुलिस आरक्षकां की भर्ती नहीं की जाए। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने इस संबंध में राज्य सरकार, डीजीपी व कर्मचारी चयन मंडल के के चेयरमैन को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी।
यहां के लोगों ने दायर की याचिका
बताया गया है कि प्रदेश के सागर, रीवा, सीहोर, छतरपुर, टीकमगगढ़, होशंगाबाद, हरदा, खण्डवा, विदिशा, शाजापुर सहित अन्य जिलां के अभ्यर्थियों ने चयन प्रकिया में अनियमितता का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता नरिन्दरपाल सिंह रूपराह ने बताया कि अभ्यर्थियों ने आरक्षक भर्ती 2020 की चयन प्रक्रिया में भाग लिया था व लिखित परीक्षा पास की थी।
याचिकाकर्ताओं को शारीरिक परीक्षा के लिए बुलाया गया और इसमें भी सभी क्वालीफाई हो गए। लिखित में आए अंको के आधार पर परिणाम निकलना था। विभाग ने 12 नवंबर को परिणाम घोषित किया। जिसमें याचिकाकर्ताओं के अंतिम नंबर भी दर्शाए गए। याचिकाकर्ताओं को उनके जाति वर्ग में कट ऑफ से ज्यादा नंबर मिले फिर भी उन्हें अनुत्तीर्ण कर दिया गया है।
रोजगार पंजीयन में त्रुटि
लिस्ट में नाम न होने पर अभ्यर्थियों ने जब शासन और कर्मचारी मंडल से संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि उनके रोजगार पंजीयन में त्रुटि थी। दरअसी कोविड के समय सभी का रोजगार पंजीयन समाप्त हो गया था। लेकिन याचिकाकर्ताओं ने शारीरिक परीक्षण के पहले पंजीयन का नवीनीकरण करवा लिया था। इसके बावजूद उन्हें अपात्र बता कर चयन से वंचित किया जा रहा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जब हमने पंजीयन का नवीनीकरण करवा लिया था तो हमें किस कारण से चयन प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है।