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गुढ़-बदवार Solar Power Plant से रीवा के युवाओं को नौकरी से बाहर करने की साजिश
रीवा (Rewa News In Hindi)। रीवा जिले के गुढ़-बदवार (Gurh-Badwar) में प्रदेश का सबसे बड़ा सोलर ऊर्जा प्लांट (Solar Power Plant) स्थापित है। इस सोलर प्लांट का संचालन कई कंपनियां मिलकर कर रही हैं। जहां उत्सर्जित बिजली की सप्लाई देश के अलग-अलग राज्यों हो रही है।
जिले में स्थापित सोलर पावर प्लांट (Solar Power Plant) से देश एवं प्रदेश को काफी लाभ मिल रहा है। सोलर प्लांट को रीवा लाने में मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला की महत्वपूर्ण भूमिका रही, पूर्व विधायक की सोच थी कि सौर ऊर्जा का उत्सर्जन रीवा में हो सके साथ ही स्थानियों को रोजगार मिल सके। किंतु कंपनियों की मनमानी के चलते जिस रीवा जिले में सोलर प्लांट स्थापित है वहां के रहवासियों एवं युवाओं को रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्हें रोजगार नहीं मिल पाया है।
रीवा में सोलर पावर प्लांट (Rewa Solar Power Plant) की स्वीकृति मिलने के बाद से ही यह मांग उठाई जाने लगी थी कि जिले भर में काफी संख्या में युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं और रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटक रहे जिन्हें सोलर प्लांट में रोजगार दिया जाय। इस मांग का समर्थन आम नागरिकों से लेकर जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी किया। केंद्र और राज्य सरकार तक अपनी मांग रखी। सोलर प्लांट का सुचारु संचालन शुरू हो गया लेकिन बेरोजगारों की समस्या को नजर अंदाज कर दिया गया। हालांकि तनाव की स्थिति निर्मित न हो इसलिए कुछ युवाओं को रोजगार दिया गया लेकिन अब उन्हें साजिश के तहत बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।
प्रमोशन का लालीपाप, दूरदराज पदस्थ कर किया जा रहा परेशान
गुढ़-बदवार में जिन युवाओं को रोजगार दिया गया है अब उन्हें भी साजिश के तहत बाहर करने की तैयारी अंदर ही अंदर चल रही है। कुछ युवाओं ने बताया कि कंपनी द्वारा पहले प्रमोशन का लालीपाप दिखाकर अन्यत्र भेजा जाता है फिर परेशान कर नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है।
साजिशन निकाल रहें हैं कंपनी से
गुढ़-बदवार सोलर प्लांट के आईक्या मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के एक कर्मचारी ने बताया कि उसे प्रमोशन का लालच देकर राजस्थान के जोधपुर में संचालित प्लांट में भेज दिया गया तथा कहा गया कि उसका प्रमोशन कर दिया है जहां उसे अधिक वेतन के साथ के ही रहने-खाने की अच्छी सुविधा प्रदान की जायेगी। वह राजस्थान के जोधपुर प्लांट में नौकरी ज्वाइन कर ली। लेकिन उसकी सैलरी में मात्र 900 रुपये बढ़ाकर दिये गये। खाने-पीने की सुविधा की अच्छी नहीं थी।
कर्मचारी ने बताया कि वहां का खाना भी अच्छा नहीं लगा और उसका स्वास्थ्य खराब होने लगा। कंपनी से मिलने वाली सैलरी से वह अपने खाने-पीने एवं दवाई की व्यवस्था करने लगे किंतु घर की व्यवस्था के लिए नहीं बच पा रहे थे। इस स्थिति में 900 रुपये के लिये कौन दूरदराज जाय। वह परेशान हो गया और नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर हो गया। इस तरह और युवा हैं जिन्हें साजिश के तहत कंपनी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
प्रबंधन कर रहा रीवा के युवाओं के साथ साजिश
युवाओं ने आरोप लगाया है कि सोलर प्लांट प्रबंधन रीवा के युवाओं के साथ साजिश कर रहा है। पहले रीवा के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने में आनाकानी की और बाहरी लोगों को ज्यादा महत्व दिया गया। गिनती के जो कुछ युवा कंपनी में रखे गये हैं उन्हें भी साजिश कर बाहर किया जा रहा है। ऐसे में स्थानीय युवा परेशान हो रहे हैं और उनमें आक्रोश पनप रहा है। युवाओं ने शासन-प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए हस्तक्षेप की मांग की है। मामले के संबंध में प्लांट इंचार्ज सचिन गुप्ता से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।