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MP में 125 निजी विद्यालयों की मान्यता पर संकट के बादल, जानिए
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तकरीबन 125 विद्यालयों की मान्यता के लिए बीआरसीसी ने अनुमोदन किया है। जबकि संबंधित विद्यालय निर्धारित मापदण्ड को पूरा नहीं करते। माना जा रहा है कि प्राचार्यों द्वारा संबंधित विद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान संबंधित विद्यालयों में कमियां पाए जाने पर विद्यालयों की मान्यता समाप्त की जा सकती है।
बताया गया है कि राजधानी में बीआरसीसी द्वारा जिन प्राइवेट मिडिल और प्राथमिक स्कूलों की मान्यता के लिए अपना अनुमोदन दिया है, उन संस्थाओं का निरीक्षण जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एक बार प्राचार्य से भी करवाया जाएगा। कार्यालय के अनुसार कई ऐसे विद्यालयों का मान्यता के लिए अनुमोदन किया गया है जिनमें मापदण्डों का अभाव है।
सूत्रों की माने तो भोपाल में एक हजार से अधिक मिडिल-प्रायमरी स्कूल है। इन विद्यालयों को मान्यता तभी मिलेगी जब बीआरसीसी द्वारा विद्यालयां का मैदानी निरीक्षण कर रिपोर्ट दी जाएगी। स्कूल का बिंदूवार भौतिक निरीक्षण किया जाना है। राज्य सरकार के निर्धारित मापदण्ड के अनुसार विद्यालयों में बच्चों की सुविधा के अनुसार चीजों का होना बहुत आवश्यक है। बीआरसीसी द्वारा स्कूलों की निरीक्षण रिपोर्ट का दौर एक तरह से अंतिम चरण में पहुंच गया है।
अधिकारियों की माने तो निरीक्षण की जो रिपोर्ट डीईओ कार्यालय को दी गई है वह संदेहास्पद है। बडे़ विद्यालयों की जो रिपोर्ट आई थी वह तो सही है, लेकिन कई ऐसे छोटे स्कूलों की अनुमोदित रिपोर्ट दी गई है जिनमें काफी कमियां है। जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि राजधानी में सवा सौ ऐसे विद्यालय हैं जहां मापदण्डों की काफी कमी है। पहले भी इन स्कूलों को मौके पर जाकर देखा गया। जहां कमियां स्पष्ट रूप से दिखाई दी। उसके बाद भी मान्यता नवीनीकरण के लिए बीआरसीसी की ओर से इसका अनुमोदन किया गया है।
निरीक्षण जरूरी
जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया कि चारों बीआरसीसी की पूरी रिपोर्ट आने के बाद एक बार संकुल प्राचार्य से भी इन संस्थाओं का बिंदुवार निरीक्षण करवाया जाएगा। विशेष रूप से जितने भी छोटे प्रायवेट विद्यालय चर रहे हैं, उन सभी का निरीक्षण संकुल प्राचार्य करेंगे। प्राचार्यों की रिपोर्ट आने के बाद जो छोटे विद्यालय मापदण्ड पर खरे नही उतरेंगे उन्हें मान्यता नहीं दी जाएगी। इसके अलावा बीआरसीसी से भी स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि आखिर उन्होने किस आधार पर इन विद्यालयों को मान्यता के लिए अनुमोदन किया है।