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Cheetah In India: अफ्रीका से जिन चीतों को मध्यप्रदेश कूनो नेशनल पार्क में बसाना था उसमे एक पेंच फंस गया
African cheetahs Kuno National Park: 70 साल पहले भारत से चीता विलुप्त हो गया, अब जाकर देश में वापस दुनिया का सबसे तेज़ दौड़ने वाला वन्यप्राणी चीता की वापसी हो रही है. अफ्रीका से 4-4 चीतों की जोड़ी को भारत के मध्य प्रदेश में मौजूद कूनो राष्ट्रीय पार्क (Madhya Pradesh Kuno National Park) में बसाया जाना है. लेकिन इस महत्वपूर्व प्रयास में एक पेंच फंस गया है.
भारत की तरफ से अफ्रीका वाइल्ड लाइफ वालों को कहा गया है कि जिन चीतों को वह कूनो नेशनल पार्क भेज रहे हैं उन्हें अब हम नहीं ले सकते क्योंकि वह अब खुद से शिकार कर ही नहीं सकते हैं. नामीबिया से 8 चीते एमपी के कूनो नेशनल पार्क में लाए जाने है जिनमे से कुछ को भारत ने लेने के मना कर दिया है.
हासिल जानकारी के अनुसार जिन चीतों भारत लाने के लिए नामीबिया से जंगलों से पकड़ा गया था उन्हें बाद में उन्हें इसी लिए छोड़ भी दिया गया था क्योंकि वह शिकार करने के लायक नहीं थे. उन्हें सिर्फ ज़ू में या कैद करके ही रखा जा सकता था. खुले जंगल में वह सर्वाइव नहीं कर पाएंगे।
कूनो में अब चीते आने में वक़्त लगेगा
वैसे तो अफ़्रीकी चीतों का एक जत्था भारत के लिए रवाना कर दिया गया था. लेकिन बाद में पता चला कि उन 8 चीतों में से 3 शिकार करने के लायक नहीं है. वह कूनो राष्ट्रीय उद्यान में सर्वाइव नहीं कर पाएंगे क्योंकि इस जंगल में तेंदुओं की संख्या भी काफी ज़्यादा है. अब रिजेक्ट किए गए तीन चीतों को रिप्लेस करने की कवायद शुरू हुई है.
अब क्या होगा
अब तीन नए चीतों को पहले पकड़ा जाएगा यहां एक महीने तक उन्हें नामीबिया में ही रख कर उनके हेल्थ स्टेटस का पता लगाया जाएगा। इसके बाद चीतों का जत्था भारत के लिए रवाना किया जाएगा। एमपी के वन मंत्री विजय शाह ने बताया है कि कूनो नेशनल पार्क में चीतों का पहला जत्था आने में नवंबर तक का वक़्त लग जाएगा। बता दें कि पहले यह तारिख 15 अगस्त थी.
40 चीतों को भारत लाया जाएगा
नवंबर तक 10 अफ़्रीकी चीतों को भारत लाने की योजना है, और अगले 5 साल में करीब 36-40 चीतों को भारत में बसाया जाना है. अफ़्रीकी चीतों के लिए भारत का वातावरण उपयुक्त पाया गया है लेकिन चीतों को भारत लाने से पहले कूनो नेशनल पार्क का कई बार विजिट हुआ है। यहां महीनों तक चीता एक्सपर्ट्स ने भ्रमण किया तब जाकर दोनों देशों के बीच सहमति बनी
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