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एमपी के सभी सरकारी मेडिकल काॅलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों में बनेगी सेंट्रल पैथालाजी लैब
मध्यप्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कालेजों से सम्बद्ध अस्पतालों में सेंट्रल पैथालाजी लैब (सीपीएल) बनाने की तैयारी है। इस काम को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) से कराया जाएगा। कंपनी चयन के लिए जल्द ही निविदा खोलने की तैयारी है। सीपीएल बन जाने के बाद मरीजों को संबन्धित जांच करने में बहुत की सहूलियत उपलब्ध हो जाएगी।
स्वचलित मशीनों से होगी जांच
सेंट्रल पैथालाजी लैब में सभी पैथालाजिकल, माइक्रोबायोलाजिकल और बायोकेमेस्ट्री से संबंधित जांचें एक ही जगह पर की जाएंगी। जांचों की संख्या बढ़ने के साथ ही गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। यहां पर सभी जांचें पूरी तरह से स्वचलित मशीनों से की जाएंगी। इससे मरीजों को जहां सहूलियत होगी तो वहीं संबंधित जांच रिपोर्ट भी जल्द ही उपलब्ध कराई जा सकेगी।
मरीजों को आनलाइन मिलेगी जांच रिपोर्ट
यहां उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेजों से सम्बद्ध अस्पतालों में पीपीपी पर सीपीएल बनाने का प्रस्ताव पिछले तीन वर्ष से था किंतु अब जाकर इसके लिए निविदा बुलाई गई है। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में पहले से ही जांचें पीपीपी ढंग से कराई जा रही हैं। सीपीएल प्रारंभ होने के बाद मरीजों को जांच रिपोर्ट वाट्सएप के साथ ही आनलाइन मिलनी प्रारंभ हो जाएंगी।
यह भी रहेगा प्रावधान
सेंट्रल पैथालाजी लैब में गुणवत्ता सुधारने के लिए यह भी प्रावधान किया जाएगा कि लगभग तीन प्रतिशत निगेटिव या पाजिटिव सैंपलों की दोबारा किसी अन्य लैब में जांच कराई जाएगी। जांच में परिणाम पूर्व की तरह ही आए अथवा बहुत कम अंतर दिखा तो रिपोर्ट सही मानी जाएगी। ऐसा नहीं होने पर कंपनी को नोटिस देकर सुधार के लिए कहा जाएगा। संचालन के लिए कंपनी का चयन होने पर यह शर्त भी रहेगी कि अस्पताल के मौजूदा कर्मचारियों को कंपनी काम पर लेगी। आवश्यकता के अनुसार वह अपने कर्मचारी भी रख सकेगी। इस दौरान कंपनी को निर्धारित मापदंड की मशीनें और जांच किट उपयोग करनी होगी।