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एमपी की इस नदी के लिए स्वीकृत है 112 करोड़ का पुल, फिर भी जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे करते हैं पार
मध्यप्रदेश के शहडोल जिला अंतर्गत अंतिम छोर में ब्यौहारी का विजयासोता गांव स्थित है। यहां का नजारा देखकर लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं। यहां 112 करोड़ रुपए की लागत से पुल मंजूर हो चुका है किंतु लचर प्रशासनिक व्यवस्था की वजह से यह पुल कागज से जमीन पर नहीं आ सका है। ऐसे में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी को नाव के सहारे पार करने विवश हैं।
बाइक-साइकिल लादकर नदी करते हैं पार
ब्यौहारी के विजयासोता में चौंकाने वाला नजारा दिखाई देता है। यहां सोन नदी बहती है। इसका पाट लगभग डेढ़ किलोमीटर चौड़ा है। जिसको पार करने के लिए 60 से अधिक गांवों के लोग प्रतिदिन अपनी जान को जोखिम में डालते हैं। नाव के सहारे वह नदी को पार करते हैं। नाव पर ही अपनी बाइक, साइकिल व अन्य सामान भी लाद लेते हैं। इसके बाद नाव में बैठकर नदी के एक पार से दूसरे पार तक पहुंचते हैं। यह कोई गोवा की फेरी नहीं है जिसमें आमतौर पर कारें भी चली जाती हैं। जिस नाव के सहारे लोग नदी पार करते हैं वह साधारण नौका है। यह नाव हमेशा ओवरलोड ही रहती है। ऐसे में किसी भी दिन हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
100 से अधिक गांवों के लोग हैं प्रभावित
ग्राम विजयासोत से गुजरने वाली सोन नदी पर 112 करोड़ रुपए की लागत वाला पुल भी स्वीकृत किया जा चुका है किंतु अभी तक यह कागजों से धरातल पर नहीं आ सका है। ग्रामीणों की मानें तो पुल बन जाए तो ब्यौहारी के लोगों के लिए कटनी और जबलपुर आने-जाने में काफी आसानी हो जाएगी। इसके साथ ही व्यापार को भी फायदा मिलेगा। लोगों का कहना है कि इस समय कटनी जाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। इस नदी पर पुल न होने की वजह से सिर्फ यह 60 गांव ही नहीं बल्कि दूसरी छोर पर स्थित 50 गांवों के लोगों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पुल की सुविधा न होने से मजबूरी में लोग नाव में सवार होकर नदी को पार करते हैं। बारिश के दिनों में नदी उफान पर रहती है ऐसे में यह सफर काफी खतरनाक हो जाता है।