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एमपी सरकार की बड़ी तैयारी, 2010 में लागू नियम में होगा संशोधन, 12 वर्ष बाद बढ़ेगा वेतन-भत्ता, नियम में संशोधन का प्रस्ताव तैयार, मिलेगा लाभ
MP News: विधायक और सांसद तो अपना वेतन भत्ता कई बार बढ़ा चुके हैं। राज्यों में विधानसभा विधायकों के वेतन भत्ता में वृद्धि कर चुके हैं। लेकिन विगत कई वर्षों से निकाय प्रमुखों के वेतन में वृद्धि नहीं हुई। अब मध्य प्रदेश राजधानी भोपाल में चर्चा शुरू हो गई है। नगरी विकास और आवास विभाग ने नगर निगम पार्षदों के नियम 1995 तथा मध्य प्रदेश नगर पालिका परिषदों के नियम 1995 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इस संशोधित प्रस्ताव के बाद माना जा रहा है कि करीब 12 वर्ष बाद नगर निगम और नगर पालिका पार्षदों को बढ़े हुए वेतन भत्ते का लाभ प्राप्त होगा।
अब किसे कितना मिलेगा
जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 में वेतन और भत्ते में संशोधन किया गया था। अब एक बार 12 वर्ष बाद पुनः संशोधन होता दिख रहा है। इसमें कई बड़े परिवर्तन किए जाने हैं जिसका सीधा लाभ महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों को प्राप्त होगा।
जानकारी के अनुसार भोपाल इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे नगर निगमों के महापौर को 20 हजार रुपए, अध्यक्षों को 15 हजार रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे।
वहीं 10 लाख से कम जनसंख्या वाले नगर निगम के महापौर को 15 हजार रुपए तथा अध्यक्षों को 12 हजार रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे।
भत्ता भी बढ़ेगा
जानकारी के अनुसार 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर निगम की महापौर को सत्कार भत्ता के रूप में ढाई हजार रुपए दिए जाते थे जिसे अब बढ़ाकर 5 हजार रुपए प्रतिमाह किया गया है।
वही अध्यक्षों को तब 1400 के स्थान पर 4000 दिए जा सकते हैं।
इतना ही नहीं महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों को प्रति बैठक दैनिक भत्ते के रूप में 500 रुपए दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
पार्षदों को प्रतिमा वेतन के रूप में 14 साल की जगह 2000 रुपए, बैठक भत्ता 200 दिए जाने का प्रस्ताव दिया गया है।
कर पालिका अध्यक्ष का वेतन 3000 से बढ़ाकर 5000 रुपए किए जाने का प्रस्ताव है।
बैठक भत्ता 195 से बढ़ाकर 300 रुपए किया गया है।