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एमपी में आयुष्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 27 अस्पतालों में मिली गड़बड़ी, नपेंगे अधिकारी
आयुष्मान भारत योजना अस्पतालों के लिए फर्जीवाड़ा योजना बन रही है। जांच के दौरान अब तक 27 अस्पतालों में आयुष्मान योजना पर व्यापक गड़बड़ी पकड़ी गई है। यह जानकारी सामने आते ही प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह ने भी अब कड़ा रूख अपना लिए है। सीएम ने कहा है कि आयुष्मान भारत योजना में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं होगा।
गड़बड़ी करने वालों को डाले जेल में
सीएम शिवराज ने कहा कि योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों को जेल भेजने की कार्रवाई होनी चाहिए। आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा असहनीय है। योजना में घोटाला नहीं चलने देंगे। यह मरीजों और सरकार के साथ धोखा है। घोटाला करने वालों की गिरफ्तारी के साथ उनकी अन्य गतिविधियों की जांच भी करें।
27 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों की स्वास्थ्य विभाग की ओर से दल बनाकर जांच कराई जाए। संदिग्ध पाए गए अस्पतालों में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि नहीं दी जाएगी। कॉल सेंटर एक्टिव रहें। मरीजों से पूछताछ करें कि वे भर्ती हैं या नहीं। प्रदेश के 27 अस्पताल में कमियां सामने आई हैं, जिन पर कड़ी कार्रवाई करें और आगे ऐसा न हो।
सीएम ने की समीक्षा
दरअसल मुख्यमंत्री चौहान अपने निवास कार्यालय में आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा बैठक लिए है। इस बैठक में लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्रीमती प्रियंका दास सहित अधिकारी उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।
12 जिलों के 27 अस्पतालों में गड़बड़ी
आयुष्मान भारत योजना मप्र ने स्व-प्रेरणा से अभी तक 12 जिलों में प्रकरणों का परीक्षण कर संदिग्ध 84 चिकित्सालय की सूक्ष्म जांच एवं ऑडिट कराया गया है, जिसकी प्रारंभिक जांच में 27 अस्पतालों में अनियमितता परिलक्षित हुई है। इन पर कार्रवाई की जा रही है।