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भोपाल: सीबीएसई के डेढ़ लाख छात्रों का भविष्य अधर में, कॉलेज में एडमिशन को लेकर असमंजस की स्थिति
भोपाल: सीबीएसई के डेढ़ लाख विद्यार्थियों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है। स्थिति यह है कि सीबीएसई (CBSE) के विद्यार्थी इस बात से चिंतित है कि वह कॉलेज में एडमीशन ले पाएंगे या नहीं। सीबीएसई द्वारा 12वीं की परीक्षा समय पर नहीं कराए जाने से इनके महाविद्यालय में पढ़ने के अवसर समाप्त हो सकते हैं। वजह यह भी है कि स्नातक कोर्स के लिए सरकार ने महाविद्यालयों में प्रवेश लेने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित की है। जबकि इनकी 12वीं द्वितीय चरण की परीक्षा 15 जून को समाप्त हो रही है। ऐसे में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल जब इनके परिणाम घोषित करेगा, तब तक मप्र सरकार संबद्ध विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रवेश की गुंजाईश न के बराबर रह जाएगी।
क्यों है चुनौती
बताया गया है कि प्रदेश के शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों में स्नातक कक्षाओं के लिए मात्र 6 लाख 25 हजार 159 स्थान ही है। जबकि एमपी बोर्ड (MP Board) द्वारा ली गई 12वीं परीक्षा में ही 8 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इनमें 72.72 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण होकर आगे की पढ़ाई के लिए महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में यदि सभी प्रवेश लेते हैं तो 5 लाख 81 हजार 760 सीटें इनसे ही भर जाएगी। ऐसे में सिर्फ 43 हजार 399 सीटें ही इनके लिए बचेंगी। जबकि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा (CBSE 12th Examination) देने वालों का ही आंकड़ा मप्र में 1 लाख 37 हजार के आंकडे को पार कर रहा है।
प्रथम चरण के आधार पर पंजीयन
सीबीएसई के विद्यार्थियों (CBSE Students) के भविष्य को लेकर मप्र उच्च शिक्षा विभाग (MP Higher Education Department) ने भरोसा दिलाया है कि ऐसे विद्यार्थी प्रथम चरण के प्राप्तांक के आधार पर प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद परिणाम के आधार पर प्रवेश ले सकते हैं। शैक्षणिक शाखा में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. धीरेन्द्र शुक्ला ने बताया कि इसको देखते हुए ही स्थानांतरण प्रमाण पत्र की बाध्यता समाप्त की गई है।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
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