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भोपाल: नहीं छप पाई सेकंड ईयर की 3 लाख किताबें, अब फोकस ई-कंटेंट पर
MP News: प्रदेश के कॉलेजों में जुलाई से प्रारंभ हो रहे नए शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों को बिना किताबों के ही पढ़ाई करनी होगी। बताया गया है कि हिंदी ग्रंथ एकादमी (Hindi Granth Academy) ने अब तक सेकंड ईयर की किताबें ही प्रकाशित नहीं की है। इनका लेखन कार्य भी शुरू नहीं पाया है। माना जा रहा है वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए अक्टूबर के पहले विद्यार्थियों किताबें नहीं मिल सकेगी। किताबें न मिलने की स्थिति में उच्च शिक्षा विभाग ई-कंटेंट पर फोकस कर रहा है। विद्यार्थियों के लिए शुरूआत की दो-दो यूनिट लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम लोड की जाएगी। नया शिक्षा सत्र एक जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। लेकिन अब तक हिंदी ग्रंथ एकादमी ने किताबें नहीं छापी है। यहां के अधिकारियों की माने तो अब तक हायर एजुकेशन से ही किताबों की संख्या का आर्डर नहीं आया है। आर्डर मिलने के बाद ही किताबें छापी जा सकेंगी। अकादमी की किताबें एससी-एसटी विद्यार्थियों के अलावा कॉलेजों की लायब्रेरी में भी दी जाती थी।
ई-कंटेंट का कार्य पूरा
हायर एजुकेशन (Higher Education) के ओएसडी डॉ. धीरेन्द्र शुक्ला ने बताया कि ई-कंटेंट (E-Content) का का कार्य लगभग पूरा हो गया है। सभी प्रमुख विषयों को दो-दो यूनिट का कंटेंट इस पर लोड कर दिया जाएगा। जिससे विद्यार्थी पढ़ाई कर सकें। लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (Learning Management System) पर इसे लोड कर दिया जाएगा। सेकंड ईयर सिलेबस लोड कर दिया गया है। कंटेंट तैयार करने की ट्रेनिंग का काम भी पूरा हो गया है। कंटेंट तैयार करने की ट्रेनिंग का काम भी पूरा हो चुका है। जुलाई के पहले सप्ताह तक अधिकांश कंटेंट अपलोड कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि हिंदी ग्रंथ एकादमी हर साल लगभग तीन लाख किताबें प्रकाशित करता है। हालांकि पिछले सत्र में भी छात्रों को समय पर किताबें नहीं मिल पाई थी। हिंदी ग्रंथ एकादमी के संचालक अशोक कडे़ल ने बताया कि अब तक हमें हायर एजुकेशन द्वारा आर्डर ही नहीं दिया गया है।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
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