- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- धनतेरस से पहले MP के...
धनतेरस से पहले MP के CM ने 11 अधिकारियों को किया निलंबित, प्रमुख सचिव-कलेक्टरों को लगाई फटकार
भोपाल। सोमवार रात सीएम डॉ. मोहन यादव ने समाधान ऑनलाइन समीक्षा बैठक में हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों की स्थिति का जायजा लिया और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की। बिजली बिलों में गड़बड़ी और गुमशुदगी की रिपोर्ट में ढिलाई की शिकायतों पर सीएम ने कड़ा रुख अपनाया, जिसके परिणामस्वरूप 11 अधिकारियों-कर्मचारियों को तत्काल सस्पेंड किया गया।
बिजली बिल में गड़बड़ी पर जनरल मैनेजर निलंबित
रायसेन जिले से एक शिकायत आई थी, जिसमें एक व्यक्ति ने बिजली बिल में गड़बड़ी की शिकायत की थी। सीएम ने इस पर ध्यान देते हुए बिजली वितरण कंपनी के जनरल मैनेजर को निलंबित करने का आदेश दिया। उन्होंने साफ किया कि जनता की समस्याओं को हल करना उनकी प्राथमिकता है और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गुमशुदगी मामले में पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई
खंडवा जिले में एक लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज न होने की शिकायत पर भी सीएम ने सख्त कार्रवाई की। शिकायत पर उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया गया, और संबंधित एसडीओपी और टीआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। सीएम ने निर्देश दिया कि इस तरह के मामलों का शीघ्र समाधान होना चाहिए।
पंचायत योजना में देरी पर पंचायत सचिव निलंबित
झाबुआ जिले में कपिलधारा कूप निर्माण योजना में भुगतान में देरी की शिकायत पर सीएम ने पंचायत सचिव को निलंबित किया और सीईओ एवं लेखाधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। उन्होंने इस तरह की योजनाओं में अनावश्यक देरी को गंभीरता से लिया।
कलेक्टरों को फटकारा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम ने बालाघाट कलेक्टर को बीच में न बैठने पर फटकार लगाई। सीएम ने कहा कि प्रशासनिक प्रमुख होने के नाते उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और वे अपने स्थान पर बैठें। अशोकनगर के कलेक्टर को भी छात्रवृत्ति वितरण में देरी पर फटकार लगाई गई।
आलीराजपुर कलेक्टर से सीएम ने दिव्यांगजनों के मामलों पर सवाल किया। कलेक्टर द्वारा अधिक बोलने पर सीएम ने उन्हें चेतावनी दी कि जितना बोलेंगे, उतना ही फंसेंगे। सीएम ने प्रमुख सचिव को भी हिदायत दी कि अधिकारियों की बातों को भी ध्यान से सुना जाए और सहयोगी रवैया अपनाया जाए।
हेल्पलाइन पर शिकायतों के त्वरित निराकरण का आदेश
सीएम ने बैठक में यह भी निर्देश दिए कि इस प्रकार की शिकायतों का निराकरण शीघ्रता से हो। उन्होंने कहा कि प्रशासन को पूरी तत्परता से काम करना चाहिए और नागरिकों की समस्याओं का तुरंत समाधान होना चाहिए, ताकि जनता का प्रशासन पर भरोसा बना रहे।