मध्यप्रदेश

बागेश्वर धाम सरकार: धीरेंद्र शास्त्री सनातन की बात कर रहें हैं इसलिए समर्थन, जादू-टोना, चमत्कार और दिव्य शक्ति जैसी बात मंजूर नहीं

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत
23 Jan 2023 11:45 PM IST
Updated: 2023-01-23 18:15:09
बागेश्वर धाम सरकार
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बागेश्वर धाम सरकार

बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों चर्चा का विषय बनें हुए हैं. कई लोग उनका समर्थन कर रहें हैं तो कई विरोध पर उतरे हुए हैं. दोनों ही स्थिति में शास्त्री सोशल प्लेटफार्म और न्यूज मीडिया में सुर्खियों पर हैं.

बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri, Peethadhish of Bageshwar Dham) इन दिनों चर्चा का विषय बनें हुए हैं. कई लोग उनका समर्थन कर रहें हैं तो कई विरोध पर उतरे हुए हैं. दोनों ही स्थिति में शास्त्री सोशल प्लेटफार्म और न्यूज मीडिया में सुर्खियों पर हैं. बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर 26 वर्षीय धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं.

एक तरफ जहां देश की मीडिया मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में मौजूद बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर सवाल खड़ा कर रही है और नेता, संत उनका समर्थन और विरोध कर रहें हैं. वहीं धीरेंद्र शास्त्री इन सब मामलों में बेहद कूल नजर आ रहें हैं. अधिकांश न्यूज चैनल उनके चमत्कार और दिव्य शक्ति को परखना चाह रहें है तो उनके फॉलोवर शास्त्री पर उठ रहें सवालों पर अपनी प्रतिक्रया सोशल मीडिया पर जाहिर कर रहें हैं. सोशल मीडिया में चार तरह के लोग हैं, जो बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अपनी बात रख रहें हैं.

पहला: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सनातनी और चमत्कार दोनों रूप को समर्थन

सबसे बड़ी तादात ऐसे लोगों की है, जो बागेश्वर धाम के पुजारी धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को सनातनी और चमत्कारी दोनों मानते हैं. ये ऐसे लोग हैं, जिन्हे शास्त्री पर भरोसा है कि वे सनातन धर्म 'हिंदू' के लिए काम कर रहें हैं इसलिए उनका विरोध किया जा रहा है. वहीं उनके चमत्कार और दिव्य शक्तियों को लेकर भी इन फॉलोवर्स को कोई आपत्ति नहीं है. उनका मानना है कि बागेश्वर धाम के बालाजी की जिस आस्था के प्रति धीरेंद्र शास्त्री समर्पित हैं और अपना जीवन उनके प्रति समर्पित कर दिया हो, उन पर चमत्कारी शक्ति या दिव्य शक्ति का होना लाजमी है. वे इस मामले में भी पूरे सही हैं. क्योंकि भारत में ऐसे बहुत से संत महात्मा रहें हैं जो दिव्य शक्ति के स्वामी थें.

दूसरा: सनातनी स्वीकार्य, दिव्य शक्ति होना एक अफवाह

कुछ ऐसे भी लोग हैं जो धीरेंद्र शास्त्री के सनातन के प्रति समर्पण का समर्थन करते हैं, लेकिन दिव्य शक्ति, जादू-टोना और चमत्कार जैसी बातों पर सवालिया निशान छोड़ रहें हैं. उनका मानना है कि शास्त्री हिंदू धर्म के लिए काम कर रहें हैं, मिशनरी उनके पीछे हैं क्योंकि उन्होंने धर्म परिवर्तन करने वालों के खिलाफ मुहिम चला रखी है. इसी वजह से उन्हें बदनाम किया जा रहा है. लेकिन जहां तक चमत्कार और दिव्य शक्ति की बात है, ये सब एक ढोंग हैं.

तीसरा: सनातनी स्वीकार्य नहीं, लेकिन दिव्य शक्ति है उनमें

तीसरा वह वर्ग है जो धीरेंद्र शास्त्री सनातन की बात को स्वीकार नहीं करते हैं. ऐसे लोगों का मानना है कि यह सनातन की नहीं बल्कि धर्म विशेष के लोगों को अपना फॉलोवर बनाने और सर्वशक्तिमान बनने के लिए है. पहले ही ऐसे कई लोगों की पोल खुल चुकी है. लेकिन यह मानना होगा कि उनके पास दिव्य शक्ति तो है, वे जिस तरह से सामने वालों के सवालों को बिना उससे जाने एक पत्र पर लिख देते हैं यह एक दैव्य पुरुष ही कर सकता है.

चौथा: सब ढोंग है

कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बागेश्वर धाम के पुजारी धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को सिर्फ ढोंगी बता रहें हैं. उनका मानना यह है कि किसी भी धर्म में आस्था के नाम पर खेलना बहुत आसान होता है. एक विशेष वर्ग होता है, जो ऐसे लोगों के झांसे में आ जाता है और उन्हें सर्वशक्तिमान बना देता है. ऐसे लोगों में राजनेता भी शामिल होते हैं क्योंकि उस बाबा में उन्हें वोट बैंक दिखता है. ऐसे लोग धर्म की बातें करते हैं और लोगों की आस्था से खेलते हैं. सब ढोंग है, न कोई चमत्कार है और न कुछ. ऐसे ही सत्य साईं, आशाराम, उनके बेटे और राम रहीम जैसे लोगों ने भी किया था. परिणाम आपके सामने है.

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