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MP High Court: एमपी के छात्रों के लिए बुरी खबर, हाईकोर्ट ने दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों को शामिल करने के दिए निर्देश
Jabalpur High Court News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) को निर्देश दिया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में बाहरी उम्मीदवारों को भी शामिल किया जाए। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए आयोग अपनी वेबसाइट में आवश्यक सुधार करे। ताकि गैर मध्यप्रदेश वासी भी अपने आवेदन भेज सकें।
कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि आवश्यकता पड़ने पर एमपीपीएससी आवेदन जमा करने के लिए नई तारीख तय करते हुए कम से कम सात दिन की मियाद बढ़ाए। गौरतलब है कि जस्टिस विवेक अग्रवाल की एप्रतियोगी परीक्षाओं में बाहरी उम्मीदवारों को करें शामिल- हाईकोर्ट
कलपीठ ने मामले में कहा कि राज्य सरकार पीछे के दरवाजे से मूल निवासी को शत-प्रतिशत आरक्षण देने का प्रयास कर रही है। यह पूरी तरह से अमान्य है। इस पर अंकुश लगाना जरूरी है।
क्या है मामला
बताया गया है कि झारखण्ड निवासी एडम खान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने बताया कि आयोग ने उसका आवेदन स्वीकार नहीं किया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिकवक्ता अमन जैन ने कोर्ट को बताया कि एमपीपीएससी की प्रतियोगी परीक्ष में शामिल होने के लिए रोजगार कार्यालय में पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है। मप्र रोजगार पोर्टल में रजिस्ट्रेशन के लिए केवल मध्यप्रदेश के जिलों और तहसीलों की सूची ही उपलब्ध है। इस विसंगति के चलते पात्र होने के बावजूद अन्य राज्यों के उम्मीदवार परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
बढ़ेगा का कॉम्पिटिशन
प्रदेश भर में पहले से ही बेरोजगारी चरम सीमा पर है और फिर अगर प्रतियोगी परीक्षाओ में दूसरे राज्यों के छात्र भी हिस्सा लेते हैं तो ऐसे में कॉम्पिटिशन का लेवल बढ़ जायेगा। और प्रदेश के मूल निवासी छात्रों के लिए सरकारी नौकरी पाना और कठिन हो जायेगा।