- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- कौन बनेगा एमपी का...
कौन बनेगा एमपी का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष: 3 नामों पर चर्चा, रीवा के पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला रेस में सबसे आगे
rajendra_shukla_rewa
मध्यप्रदेश में भाजपा की कमान किसके हाथ होगी अब इसको लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है। दरअसल प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल अगले महीने पूरा हो रहा है। ऐसे में वीडी शर्मा का कार्यकाल बढ़ाया जाता है या फिर उनके स्थान पर नए अध्यक्ष को जिम्मेदारी दी जाती है, इसको लेकर भाजपा में मंथन शुरू हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में 3 नाम सामने आ रहे है। लेकिन जो नाम सबसे आगे चल रहा है वह है विंध्य के लोकप्रिय नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला का।
दरअसल राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। उनका कार्यकाल 20 जनवरी को सामाप्त हो रहा था, तो वही मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष पर सभी की निगाहे है।
पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला रेस में आगे
विंध्य से लेकर भोपाल तक की राजनीति में सामंजस्य स्थापित करने में माहिर मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला का प्रदेश अध्यक्ष के नाम की चर्चा तेजी से हो रही है। सवर्ण वर्ग से अगर प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो श्री शुक्ल का नाम सबसे आगे है।
दरअसल राजेन्द्र शुक्ला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पसंद होने के साथ ही, सरल स्वभाव एवं भाजपा में मिलनसार तथा स्वच्छ छवि होने के वजह से उनका विरोध पार्टी में न के बराबर है। विंध्य में भाजपा को मिली अच्छी जीत के लिए भी राजेन्द्र शुक्ला को इसका लाभ मिल सकता है, तो वही महाकौशल में पिछली बार कमजोर पड़ी थी, विंध्य के साथ महाकौशल में भी शुक्ला की अच्छी पकड़ है, जिसके लिए भी भाजपा राजेन्द्र शुक्ला को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप सकती है।
इसके अलावा राजेंद्र शुक्ल सामान्य वर्ग के नेता के तौर पर पहली पसंद भी हैं। मृदुभाषी होने के साथ साथ स्वच्छ राजनीति करने वाले नेता माने जाते है। शुक्ल इस बार मंत्री पद नहीं पा सकें इस वजह से भी भाजपा उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद सौंपकर पुरष्कृत कर सकती है। शुक्ला के नाम पर शिवराज सहमत हो जाएंगे और अन्य नेताओं की तरफ से उनका विरोध नहीं होगा।
पिछले चुनाव के आंकड़े देखें तो प्रदेश के छह अंचलों में विंध्याचल एकमात्र ऐसा क्षेत्र रहा जहां बीजेपी ने पिछले चुनावों से कहीं अधिक बेहतर प्रदर्शन किया। यहां की 30 सीटों में से उसे 24 पर जीत मिली, लेकिन 2013 में विंध्य में प्रदर्शन सबसे कमजोर था। तब 30 में से 17 सीटें जीती थीं। इस बार 7 सीटें बढ़ी हैं, लेकिन महाकौशल में बीजेपी को बड़ा झटका लगा था। पूरे अंचल की बात करें तो 38 सीटें हैं। कांग्रेस 23, भाजपा 14 और 1 निर्दलीय के खाते में गई। पिछली बार कांग्रेस 13, भाजपा 24 और 1 निर्दलीय को मिली थी।
राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी
दूसरा नाम राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी का तेजी से चल रहा है। युवा चेहरा होने के साथ ही मध्यप्रदेश में अनुसूचित जन जाति वर्ग से तल्लुक रखते है। मध्यप्रदेश में 22 प्रतिशत आदिवासी वोटर्स है। ऐसे में सुमेर की दावेदारी भी मानी जा रही है। वे मोदी और शाह के करीबी बताएं जाते है।
राष्ट्रीय पदाधिकारी लाल सिंह आर्य
तीसरा नाम बीजेपी के अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य का नाम सामने आ रहा है। अनूसूचित वर्ग से होने के चलते वोट ऑफ प्रतिशत को देखते हुए यह कुर्सी उन्हे सौंपी जा सकती है।