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प्राइवेट कॉलेजो का अत्याचार, अभिभावक परेशान, एक्शन ले सरकार
Bhopal / भोपाल : एक तरफ कोरोना महामारी की मार और दूसरी तरफ प्राइवेट कॉलेजो के अत्याचारों से अभिवावक परेशान है।
शिक्षा के मंदिरों में बैठे ‘धंधेबाजों’ को शायद किसी की कोई परवाह नहीं, ऐसा न होता तो निजी कॉलेज किसी के बच्चे को कॉलेज से बाहर निकालने की धमकी न देते और न ही किसी के अभिभावक को बेइज्जत किया जाता।
लगातार सामने आ रहे ऐसे मामले यह साबित कर रहे हैं कि निजी कॉलेज अत्याचार की हदें पार कर रहे हैं..
बच्चे घर पे, हॉस्टल-मेस की फीस फुल
कोरोना महामारी के चलते सभी स्टूडेंट्स घर पर ही हैं तभी भी हॉस्टल और मेस की फीस पूरी वसूली जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार भोपाल के रतिबाद स्थित सिस्टेक कॉलेज में भी यही चल रहा है।
इंजीनियरिंग के स्टूडेंट के पिता ने जानकारी दी है की उनका बच्चा महीनो से घर पर है लेकिन उसकी हॉस्टल और मेस दोनों की फीस वसूली जा रही है।
उन्होंने बताया की वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करते है। कोरोना महामारी के चलते उनकी तनख्वा आधी हो गई है। बच्चे के कॉलेज की फीस को को लेकर वे बहुत परेशान है।
हॉस्टल फीस नहीं तो एग्जाम नहीं
पेरेंट्स ने बताया की कॉलेज प्रशाशन द्वारा उन्हें धमकाया जा रहा है की अगर हॉस्टल और मेस फीस नहीं दी गई तो बच्चे को सेमेस्टर एग्जाम में नहीं बैठने दिया जायेगा।
कुछ अभिभावकों ने इसका विरोध किया तो बच्चो को कॉलेज से बाहर निकालने तक की धमकी दी जा रही है।
एक्शन ले सरकार
शिक्षा के नाम पर धंधा करने वालो पर सरकार को जल्द से जल्द एक्शन लेना चाहिए।