मध्यप्रदेश

Atal Progess-Way: चंबल के बीहड़ों में बनना था अटल प्रोगेस-वे, चार महीने से ठप पड़ा है कार्य, सीएम ने नए अलाइनमेंट सर्वे के दिए थे आदेश

Sanjay Patel
3 Aug 2023 1:09 PM IST
Atal Progess-Way: चंबल के बीहड़ों में बनना था अटल प्रोगेस-वे, चार महीने से ठप पड़ा है कार्य, सीएम ने नए अलाइनमेंट सर्वे के दिए थे आदेश
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MP News: मध्यप्रदेश में अटल प्रोगेस-वे (अटल प्रगति पथ) परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई है। चंबल अंचल के लिए मध्यप्रदेश और केन्द्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है।

Atal Progess-Way: मध्यप्रदेश में अटल प्रोगेस-वे (अटल प्रगति पथ) परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई है। चंबल अंचल के लिए मध्यप्रदेश और केन्द्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के लिए जहां किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं तो वहीं एक्सप्रेस-वे को बीहड़ों में पर्यावरण मंत्रालय नहीं बनने दे रहा। किसानों के विरोध के कारण मार्च महीने में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अटल प्रोग्रेस वे के सर्वे को निरस्त कर दिया और दोबारा सर्वे के आदेश दिए। अटल प्रोग्रेस-वे के नए अलाइनमेंट का कार्य चार महीने से ठप पड़ा है।

पांच बार बदला गया नाम

सरकार द्वारा बीहड़ों में एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा वर्ष 2017 में की गई थी। उस दौरान इसका नाम चंबल एक्सप्रेस-वे रखा गया था। इसका नाम पांच बार बदला गया और अंत में इसका नाम अटल प्रोग्रेस-वे रखा गया। वर्ष 2021 तक इसके अलाइनमेंट का सर्वे हुआ और भारत सरकार ने इसे भारत माला परियोजना में भी शामिल कर लिया किंतु नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल और केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने बीहड़ों में एक्सप्रेस-वे बनाने पर यह कहकर रोक लगा दी कि इससे चंबल नदी के जलीय जीवों व बीहड़ के पर्यावरण को खतरा पहुंचेगा।

214 गांवों से होकर गुजरता एक्सप्रेस-वे

चंबल के बीहड़ से दूर इस एक्सप्रेस-वे को बनाने की योजना सरकार द्वारा बनाई गई थी। पूर्व में इसको 162 गांवों से होकर गुजरना था। किंतु एक्सप्रेस-वे के नए अलाइनमेंट में चंबल संभाग के मुरैना, भिंड, श्योपुर के 214 से होकर गुजरता। जिसके लिए मुरैना के 110, श्योपुर के 63 और भिंड के 41 गांवों यानी कुल 214 गांवों में किसानों की जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वे भी कर लिया गया था। किंतु इसी बीच किसानों ने विरोध प्रारंभ कर दिया। जिसके बाद चार माह पूर्व सीएम ने सर्वे को निरस्त कर नया सर्वे कराने के आदेश दिए। इसके बाद यह समस्या खड़ी हो गई कि एक्सप्रेस-वे के लिए अब जमीन कहां से लाएं। बीहड़ों में पर्यावरण मंत्रालय इसको बनाने की अनुमति नहीं दे रहा और निजी क्षेत्र की जमीन को लोग देने को तैयार नहीं हैं? जिसके बाद एक्सप्रेस-वे का अटका पड़ा है।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को दिया था जिम्मा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 28 मार्च को हुई वीडियो कान्फ्रेंस में कहा था कि चंबल संभाग के विकास के लिए अटल प्रोग्रेस-वे तैयार किया जा रहा है। यह एमपी के श्योपुर, मुरैना, भिंड जिले से निकाला जा रहा है। इस पर 8000 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं किंतु मुझे जानकारी मिली है कि अटल एक्सप्रेस-वे का जो सर्वे हुआ है उसमें किसानों की बेशकीमती जमीन जा रही है। हम किसानों को भूमिहीन नहीं होने देंगे। इसलिए अटल प्रोग्रेस-वे के लिए नया सर्वे करवाया जाएगा। सीएम ने संभागायुक्त सहित संभाग के तीनों जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए थे कि दोबारा जमीन का चिन्हांकन करें। अटल प्रोग्रेस-वे में सरकारी जमीन मिले, किसानों की बेशकीमती जमीन को न लिया जाए। सीएम के इस मौखिक आदेश के बाद पुराना सर्वे तो निरस्त हो गया किंतु नए सर्वे के लिए कोई आदेश जारी नहीं किए। इस संबंध में मुरैना कलेक्टर इसको लेकर दो बार एनएचआई को पत्र भी लिख चुके हैं किंतु एनएचआई ने पत्र का कोई जवाब नहीं दिया।

इनका कहना है

इस संबंध में मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना का कहना है कि मार्च महीने में पुराना सर्वे निरस्त हो चुका है। उसके बाद नए सर्वे के लिए कोई आदेश नहीं आए। मैं एनएचआई को पत्र लिख चुका हूं किंतु उनकी ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई कि नए अलाइनमेंट का सर्वे कब होना है। शासन स्तर से इस मामले जो भी निर्देश दिए जाएंगे उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

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