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2023 में होने वाले चुनाव से पहले सिंधिया के महल में रुके अमित शाह, शिवराज और भाजपा के बड़े नेता बेचैन क्यों है?
MP Politics News
MP NEWS: पुराने लोग भी कहते थे की राजनीति में कौन, कब और किसका जिगरी दोस्त बन जाए यह ऊपर वाले को भी नहीं मालूम पड़ता। मध्य प्रदेश की राजनीति में जब से कांग्रेस के हाथ से सत्ता फिसली है और भाजपा ने सिंधिया के साथ मिलकर उस सत्ता को लपक कर पकड़ लिया तब से कुछ ना कुछ गरमा गरम खबरें निकलती ही रहती हैं। अब आप अभी हाल के एक प्रोग्राम को ले लीजिए। केंद्रीय मंत्री अमित शाह 16 अक्टूबर 2022 को मध्य प्रदेश ग्वालियर दौरे पर पहुंचे. कार्यक्रम के अनुसार अमित शाह करीब 1.30 घंटे सिंधिया के महल में भी रुकें. इस प्रोग्राम की जानकारी प्रदेश के भाजपा नेताओं को होना लाजमी है। लेकिन इस मामले में में भाजपा नेताओं की सुई अटकी हुई है। या यूं कहे की भाजपा की प्रदेश राजनीति में भूचाल सा आ गया है।
क्या है केंद्रीय मंत्री का कार्यक्रम
जैसा की आप सबको विदित होगा या नहीं है तो जान ले केंद्रीय मंत्री अमित शाह 16 अक्टूबर को ग्वालियर आये थे. इस दौरान दोपहर 3:00 बजे ग्वालियर पहुंचे. नवीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह सीधे मेला ग्राउंड स्थित सभा स्थल पर पहुंचकर आम सभा को संबोधित करेंगे। वहां से निकलने के बाद अमित शाह सिंधिया के "जय महाल विलास पैलेस" पहुंचे. वहां करीब 1 से 1.30 घंटे तक अमित शाह रुके. फिर वापस दिल्ली लौट गए.
इतना सा प्रोग्राम, और भूचाल की स्थिति
कई बार कुछ लोगों द्वारा कह दिया जाता है कि यह कोई भूचाल की स्थिति नहीं है यह तो मीडिया का अपना स्टंट है। लेकिन ऐसा क्या संभव है। बड़े बुजुर्ग कह गए हैं कि जब तक कहीं आग नहीं लगती तो धुआं भी नहीं उठता। अगर इस बात पर जरा भी विश्वास है तो यह समझना चाहिए कि शाह और सिंधिया के इस घटनाक्रम के बाद भाजपाइयों में कहीं ना कहीं से धुआं जरूर निकल रहा है। तभी तो मीडिया अपने काम में लगी हुई है।
सभी को खाए जा रहा 2023 का चुनाव
2023 में मध्यप्रदेश विधानसभा का चुनाव होना है। 23 का मुख्यमंत्री कौन, मुख्यमंत्री कौन यह तो भाजपा वाले ही खुसर-फुसर लगा रखे हैं। अब अभी हाल के ही बात को ले लीजिए शाह और सिंधिया के समय बिताने पर भाजपा के लोग ही कयास लगाने लगे हैं कि कहीं मुख्यमंत्री परिवर्तन की योजना तो नहीं बन रही।
चर्चा तो यह भी है कि 2023 में मुख्यमंत्री का चेहरा बदला जा सकता है। पार्टी नया चेहरा तलाश में जुटी हुई है वर्तमान समय में सिंधिया से मजबूत कोई दूसरा मध्यप्रदेश के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है।
सिंधिया के ससुराल से है केंद्र का नाता
अगर आपको पता है तो ठीक, नहीं पता है तो जान लें ज्योतिरादित्य की ससुराल गुजरात के बड़ौदा गायकवाड राजघराने में है। गायकवाड राजघराने का अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गहरा नाता है।
बताया तो यहां तक जाता है कि 2014 के चुनाव में बड़ौदा राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाली शुभांगिनी गायकवाड नरेंद्र मोदी की प्रस्तावक थी।
कई बार चर्चा में यह भी आ चुका है कि मध्य प्रदेश के सत्ता परिवर्तन में सिंधिया के ससुराल पक्ष का बड़ा रोल था। जब सिंधिया विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा के हुए थे।
अब तो लगभग कहानी आपको ही समझ में आने लगी होगी कि आखिर यह मीडिया का स्टंट है या फिर कहीं न कहीं से धुआं उठ रहा है।