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MP में अगले 3 दिन भारी बारिश का अलर्ट: राज्य में अब तक 41.8 इंच बारिश, कई बांध ओवरफ्लो; आज दिन-रात बराबर
Heavy Rainfall Alert
मध्यप्रदेश में मानसून ने इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश कर प्रदेश के कई हिस्सों में जलस्तर बढ़ा दिया है। 24 सितंबर से अगले 3 दिनों तक प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई गई है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया की वजह से यह बदलाव हो रहा है, जिससे भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। भोपाल, इंदौर और जबलपुर में हल्की बारिश हो सकती है, जबकि ग्वालियर समेत 23 जिलों में धूप खिलने की संभावना है।
24 सितंबर को एमपी में मौसम का हाल
- भारी बारिश का अलर्ट: देवास, खरगोन, बुरहानपुर, बैतूल, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, बालाघाट, डिंडौरी में तेज बारिश होने का अलर्ट है।
- तेज धूप खिली रहेगी: ग्वालियर, शिवपुरी, मुरैना, भिंड, दतिया, टीकमगढ़, रीवा, मऊगंज, मैहर, नीमच, मंदसौर और आगर-मालवा में धूप खिली रहेगी।
- हल्की बारिश और गरज-चमक: भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, समेत बाकी के जिलों में गरज-चमक और हल्की बारिश होने का अनुमान है।
इस साल अब तक प्रदेश में औसतन 41.8 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 5.3% अधिक है। मंडला जिले में सबसे ज्यादा 57.2 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि सिवनी, श्योपुर, भोपाल, निवाड़ी और सागर में भी 50 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है। श्योपुर में सामान्य से दोगुनी बारिश हुई है, और राज्य के अन्य जिलों में भी जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है।
अक्टूबर में विदाई
मानसून की विदाई इस साल अक्टूबर में होने का अनुमान है। पिछले कुछ सालों में मानसून का सीजन जून से सितंबर तक चलता है, लेकिन इसकी विदाई अक्टूबर में होती रही है। इस बार भी यही ट्रेंड देखने को मिल सकता है।
डैम की स्थिति
प्रदेश के लगभग 200 बांध अब तक फुल हो चुके हैं। कोलार, केरवा, बरगी, अटल सागर और कई अन्य डैम ओवरफ्लो की स्थिति में हैं। तेज बारिश के कारण आने वाले दिनों में और भी डैम ओवरफ्लो होने की संभावना है।
खजुराहो सबसे गर्म
रविवार को खजुराहो प्रदेश का सबसे गर्म स्थान रहा, जहां दिन का तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। अन्य स्थानों पर भी गर्मी का असर रहा, लेकिन हल्की बारिश से कुछ राहत मिली है।
आज दिन-रात बराबर
23 सितंबर को दिन और रात की अवधि बराबर होगी। इसे शरद सम्पात कहा जाता है, जब सूर्य विषुवत रेखा पर लंबवत होता है, जिससे दिन और रात 12-12 घंटे की होती हैं। उज्जैन के शासकीय वैधशाला में इस खगोलीय घटना को वैज्ञानिक यंत्रों के जरिए देखा जा सकता है।