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एमपी में यूजी के बाद अब पीजी में भी एडमीशन शुरू, सर्वर डाउन होने से परेशान हुए विद्यार्थी
MP College Admission News: मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के तहत मंगलवार से यूजी में एडमीशन प्रोसेस शुरू हो गई। इसी प्रकार बुधवार से पीजी में भी एडमीशन के लिए प्रवेश प्रक्रिया बुधवार से प्रारंभ हो गई। बताते हैं कि पहले दिन यूजी में 2018 विद्यार्थियां ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। 955 लोगों ने ऑनलाइन सत्यापन कराया। इधर पीजी के विद्यार्थी बुधवार को अपना रजिस्ट्रेशन कराने कियोस्क सेंटर पहुंचे। गौरतलब है कि विभाग यूजी-पीजी की करीब 6.71 लाख सीटों पर प्रवेश के लिए काउंसलिंग करा रहा है। पहले दिन सर्वर डाउन होने के कारण रजिस्ट्रेशन की रफतार बहुत धीमी थी। सुबह से कियोस्क सेंटरों पर विद्यार्थियों की लाइन लगी रही। इस बार यूजी-पीजी में प्रवेश के लिए केवल एक मुख्य राउंड चलाया जाएगा। इसके अलावा तीन कॉलेज लेवल काउंसलिंग राउंड होंगे। पूरी प्रक्रिया 11 जुलाई तक चलेगी। प्रथम राउंड एक माह चलेगा। प्रथम सीएलसी 3 से 23 जून, दूसरी 13 जून से 2 जुलाई और अंतिम सीएलसी 22 जून से 11 जुलाई तक चलेगी। यूजी के विद्यार्थी 30 मई तक रजिस्ट्रेशन और एक जून तक दस्तावेजों का वेरीफिकेशन करा सकेंगे।
पांच लाख सीटें कम
गत वर्ष विभाग ने 11 लाख से अधिक की सीटों पर प्रवेश कराए थे। लेकिन पूरी सीटें नहीं भरने के कारण विभाग ने कॉलेजों की अतिरिक्त सीटों को हटाकर प्रवेश प्रवेश कराने का निर्णय लिया है। इसमें यूजी में करीब 508179 और पीजी में 163526 सीटें प्रवेश के लिए रखी गई है। विभाग सीबीएसई के 2 टर्म के रिजल्ट का इंतजार नहीं करेगा। वह सिर्फ टर्म 1 के रिजल्ट के आधार पर ही प्रवेश देगा। एमपी बोर्ड द्वारा 12वीं के रिजल्ट जारी कर दिए गए हैं। विभाग को काउंसलिंग कराने में कोई आपत्ति नहीं है।
मोबाइल होना जरूरी
बताया गया है कि एडमीशन के लिए स्टूडेंट्स को बेसिक जानकारी देने के बाद एक एप्लीकेशन आईडी जनरेट करना है। विभाग का स्पष्ट आदेश है कि विद्यार्थी को रजिस्ट्रेशन के समय खुद का ही मोबाइल नंबर देना होगा। जिससे एसएमएस से उसे तुरंत जानकारी मिल सके। स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए विभाग ने ऑनलाइन सत्यापन की व्यवस्था की है। हेल्पलाइन सेंटर भी बनाए हैं।
देना होगा वचन पत्र
प्रवेश के दौरान विद्यार्थियों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट या माइग्रेशन जमा करने की जरूरत नहीं है। आवेदन फार्म में ऑनलाइन ही किसी अन्य संस्थान में नियमित प्रवेश न लेने का वचन-पत्र देना होगा।