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एमपी के लाखो छात्रों के लिए खुशखबरी! कोर्स पूरा होने के बाद छात्रों को रोजगार के अवसर दिलाने काॅलेज करेंगे इंडस्ट्रियों व कंपनियों से एमओयू
कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों का जीवन संवर सके ऐसे में उन्हें रोजगार की आवश्यकता होती है। मध्यप्रदेश के छात्रों को आसानी से रोजगार उपलब्ध हो इसके लिए काॅलेजों को इंडस्ट्री व कंपनियों से एमओयू करना है। अधिकारियों के मुताबिक महाविद्यालयों को इंडस्ट्री के माध्यम से छात्र-छात्राओं को कुछ क्षेत्र में प्रशिक्षण भी दिलवाया जाना है जिससे वह प्रशिक्षित होकर दक्ष बन सकें और उन्हें आसानी से रोजगार उपलब्ध हो जाए।
उच्च शिक्षा विभाग ने काॅलेजों को दिए निर्देश
शैक्षणिक संस्थानों को इंडस्ट्री व कंपनियों से अनुबंध करना है जिससे विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ सकें। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी महाविद्यालयों को यह निर्देश दिए गए थे किंतु सरकारी कालेज का स्टाफ इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। कुछ चुनिंदा कालेज ही ऐसे हैं जिनके द्वारा इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। जबकि विभाग द्वारा काॅलेजों को अपने दायरे में आने वाली इंडस्ट्री व कंपनी से एमओयू करने के निर्देश दिए गए थे। जिससे कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों को बेरोजगारी का सामना न करना पड़े और उन्हें आसानी से रोजगार मुहैया हो सके। प्रदेश के कई महाविद्यालय ऐसे हैं जहां उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों को दरकिनार करते हुए छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
छात्रों का करवाना है प्लेसमेंट
प्रदेश के सरकारी काॅलेजों में स्नातक-स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए रोजगार मेले और इंडस्ट्री, कंपनियों से अनुबंध कर प्लेसमेंट करवाना है। अधिकारियों की मानें तो महाविद्यालय के दायरे में आने वाली कंपनियों से एमओयू करना है। जिसके जरिए छात्रों को कंपनी में प्लेसमेंट करवाया जा सके। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को इंडस्ट्री, कंपनी में विभिन्न कार्यों की ट्रेनिंग दिलवाई जा सके। एमओयू के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को प्रेक्टिकल ट्रेनिंग दिलाने के निर्देश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए थे किंतु साल भर बीतने के बावजूद प्रदेश के कुछ ही काॅलेजों द्वारा एमओयू किया गया है। वहीं प्रदेश के विद्यार्थियों को केवल रोजगार मेले के माध्यम से ही नौकरियां दिलवाई जा रही हैं। काॅलेजों की लापरवाही के चलते छात्रों को रोजगार के बेहतर अवसर नहीं मुहैया कराए जा रहे हैं।