मध्यप्रदेश

MP: RTE के तहत हुआ एडमीशन, अब विद्यालय संचालक मांग रहे फीस, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

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सिंगरौली जिले में शिक्षा के अधिकारी उल्लंघन किए जाने का मामला सामने आया है। शासन द्वारा गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम लाया गया है।

सिंगरौली- जिले में शिक्षा के अधिकारी उल्लंघन किए जाने का मामला सामने आया है। शासन द्वारा गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम लाया गया है। विद्यालयों द्वारा इसे लागू करने की बात भी की जाती है। लेकिन इसका पालन हो ऐसा कम ही देखने को मिलता है। इसी परिप्रेक्ष्य में सिंगरौली जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है।

जिसमें पहले तो आटीई के तहत बच्चे को निजी विद्यालय में एडमीशन तो दिया गया, लेकिन अब विद्यालय प्रबंधन द्वारा बच्चों से फीस मांगी जा रही है। बच्चे के परेशान पिता द्वारा इस संबंध में कलेक्टर से शिकायत की गई है। कलेक्टर द्वारा जांच कर कार्रवाई का आश्वासन परिजनों को दिया गया है।

स्कूल ड्रेस में बच्चों को लेकर विद्यालय पहुंचे अभिभावकों ने संकुल केन्द्र गड़हरा के अंतर्गत आने सत्य साई स्कूल के संचालक पर आरोप लगाया है कि हम पर फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। जबकि बच्चों का चयन शासन के शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत किया गया है। फीस जमा न करने की स्थिति में बच्चों को विद्यालय से निकाला जा रहा है।

आधा दर्जन अभिभावकों की यही समस्या

विद्यालय प्रबंधन द्वारा केवल एक या दो अभिभावकां को ही परेशान नहीं किया जा रहा, बल्कि आधा दर्जन से अधिक अभिभावक ऐसे हैं जिनके बच्चों का एडमीशन आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में किया गया। अब विद्यालय प्रबंधन द्वारा अभिभावकां से फीस मांगी जा रही है। विद्यालय द्वारा अभिभावकों से 45 सौ रूपए फीस मांगी जा रही है। विद्यालय संचालक द्वारा राममनोहर पाल, अरविंद बसोर, संतोष कुमार, सुनील कुमार तिवारी, चन्द्रकेस चायसवाल, जितेन्द्र कुमार दुबे सहित अन्य अभिभावकां ने विद्यालय की गलत नीतियों की शिकायत कलेक्टर से की है। अभिभावकों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर द्वारा जांच कराए जाने की बात कही है।

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