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विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग काॅलेज के लिए भूमि दानकर विंध्य में शिक्षा के लिए अमूल्य योगदान देने वाले हुए ब्रम्हलीन
विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग काॅलेज के लिए भूमि दानकर विंध्य में शिक्षा के लिए अमूल्य योगदान देने वाले हुए ब्रम्हलीन
रीवा। विंध्य में शिक्षा जगत के लिए अमूल्य योगदान देने दानी महापुरुष का गत दिवस निधन हो गया। अपनी कुशल व्यवहारिकता को लेकर लोगों के ह्रदय में राज करने वाले अनंतपुर के प्रतिष्ठित जमींदार सत्यनारायण मिश्रा का 87 वर्ष की उम्र में स्वर्गवास हो गया। जिससे अनंतपुर समेत समूचे क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त है। सत्य की जीती जागती मूर्ति या यूं कहें तो जैसा नाम वैसा ही काम। अनंतपुर के प्रतिष्ठित समाजसेवी सत्यनारायण मिश्रा दद्दा जी जनसेवक के रूप में आजीवन कार्य करते रहे। बता दें की दद्दा जी ने रीवा की शैक्षणिक व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त बनाने हेतु शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज व अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय को भूमि देकर रीवा ही नहीं विंध्यवासियों को अमूल्य उपहार दिया है। जहाँ आज लाखों छात्र छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं ।
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आपने कुबेर तालाब व डोंगरा मंदिर की भूमि भी सरकार के खजाने में देकर अनंतपुर में भगवान भोलेनाथ व श्री विष्णु.लक्ष्मी जी का भव्य मंदिर बनवाया। ग्रामीणों के मुताबिक घर.परिवार, नात.रिश्तेदार, ग्रामीणों के साथ ही दीन.दुखियों, साधू.संतों, भिक्षुओं व किसी भी आगंतुक के प्रति आदर भाव रखते हुए घर आने पर उन्हें ससम्मान जलपान व भरपेट स्वादिष्ट भोजन कराने व शयन की पूरी व्यवस्था के लिए दद्दा का विशालकाय ह्रदय था। करीबी लोग बताते हैं की उनके घर से कभी भी कोई भूंखा या दुखी होकर वापस नहीं गया।
धर्म कर्म में बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी लेने वाले दद्दा जी जीवनभर ईश्वर की आराधना के साथ ही परोपकार में लगे रहे। स्वर्गीय सत्यनारायण मिश्रा दद्दा जी की पत्नी बइया जी का अभी हाल ही में एकादशी के दिन स्वर्गवास हो गया था। दद्दा जी जैसी पुण्यआत्मा के स्वर्गवास से इस समूचे समाज के साथ ही गांव घर व शुभचिंतकों को बड़ी क्षति हुई है। अनंतपुर में सत्यनारायण दद्दा को सैकड़ों लोगों ने अंतिम विदाई देकर उनका अंतिम संस्कार पूर्ण रीति.रिवाज से किया। दद्दा जी अपने पीछे ना केवल तीन बेटों के परिवार व दो बेटियों का भरा पूरा परिवार छोड़कर चले गए बल्कि अपने शुभचिंतकों को भी अकेला छोड़ गए।
जन्म जन्मांतर तक जीवित रहेंगे
युवा एकता परिषद युवा के मार्गदर्शक मंडल से वरिष्ठ संत कान्हा जी महराज बृंदावन धाम ने कहा की युवा एकता परिषद के संरक्षक पंडित सचिन शर्मा के नाना स्वर्गीय दद्दा जी जैसी पुण्यात्मा जन्म जन्मांतर तक जीवित रहते हुए अमर हो जाती हैं ।ऐसी पुण्यात्मा इस धरती पर यदा कदा ही जन्म लेती हैं जिसे हम बारंबार नमन करते हैं। संपूर्ण मानवजाति को ऐसी पुण्यात्मा से सीख लेकर अपने जीवन में उनके आदर्शों को अपनाकर चलना चाहिए वही आदर्श जीवन की सफलता के मार्ग को प्रसस्त करते हैं।
इन लोगों ने जताया शोक
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅण् राजकुमार आचार्य ने प्रतिष्ठित जमींदार सत्यनारायण मिश्रा दद्दा जी के स्वर्गवास पर विश्वविद्यालय परिवार की ओर से दुःख व्यक्त करते हुए कहा है की शिक्षा जगत के लिए महत्वपूर्ण अमूल्य योगदान वाले व्यक्तित्व ब्रह्मलीन हुए हैं । विश्वविद्यालय परिवार उनके लिए शोक संवेदनाएँ प्रकट करता है एवं दिवंगत आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना करता है। इस अवसर पर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य बीके अग्रवाल, डां. आरती तिवारी, डां आरके जैन, विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव बाबूलाल साकेत, उपकुलसचिव नीरज नामदेव, सहायक कुल सचिव आरके चढ़ार, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष बुद्धसेन पटेल, उपाध्यक्ष ओम ताम्रकार,मध्यप्रदेश विश्विद्यालय कर्मचारी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ आनन्द बहादुर सिंह सहित अन्य लोगों ने शोक जताया है।