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कमलनाथ की भूमिका का फैसला 3 जनवरी को, दिल्ली जाएंगे या भोपाल में रहेंगे
कमलनाथ की भूमिका का फैसला 3 जनवरी को, दिल्ली जाएंगे या भोपाल में रहेंगे
भोपाल। इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पार्टी में भूमिका को लेकर सुर्खियों में हैं। पार्टी के दो विश्वसनीय नेताओं के निधन के बाद सबसे विश्वसनीय नेता के तौर पर कमलनाथ का नाम आता है। एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है कि 3 जनवरी को दिल्ली में होने कांग्रेस कोर गु्रप की बैठक में कमलनाथ की भूमिका तय होगी। कांग्रेस के राष्टीय अध्यक्ष के चुनाव लिये 3 जनवरी को कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई है। बैठक में अध्यक्ष सहित कार्यसमिति सदस्यों के चुनाव का फेसला होना है।
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ऐसा माना जा रहा है कि सोनिया गांधी की मौजूदगी में इसी बैठक में कमलनाथ की भूमिका तय की जायेगी कि वह मध्यप्रदेश में रहेंगे या दिल्ली लौटेंगे। वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और मोतीलाल बोरा के निधन के बाद गांधी परिवार के सबसे विश्वसनीय नेता के रूप में कमलनाथ ही हैं।
सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी कमलनाथ को पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाना चाहती हैं। कारण कि वह काफी अनुभवी हैं। इसी बीच उनके करीब सज्जन वर्मा ने सज्जन वर्मा ने यह कहकर चैका दिया कि केंद्रीय नेतृत्व कमलनाथ को दिल्ली बुलाना चाहता है लेकिन वह मध्यप्रदेश में ही रहेंगे। कुछ दिन पूर्व कमलनाथ ने कहा था कि वह मध्यप्रदेश छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। लेकिन उनकी भूमिका का फैसला 3 जनवरी को कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक में हो सकता है।
कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं
कांग्रेस हाईकमान कमल नाथ को मध्यप्रदेश में कौन सी भूमिका निभाने के लिए कहेगा या फिर पूर्णकालिक तौर पर दिल्ली बुला लिया जायेगा। इस संबंध में आगामी दिनों पता चल जायेगा। लेकिन सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहते हैं। प्रदेश में अपना वर्चस्व बनाये रखना चाहते हैं। इसकी जानकारी वह सोनिया गांधी को दे चुके हैं। अब फेसला सोनिया गांधी को करना है।
नेता प्रतिपक्ष के लिये दौड़ शुरू
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि अब उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिये भी आवेदन नहीं दिया था। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष बने रहने के सवाल पर कहा था कि मैं विधायकों से कह दिया है कि आपसी सहमति से वे जिसे चाहें नेता चुन सकते हैं। कमलनाथ के इस बयान के बाद सियासी पंडित कयास लगा रहे हैं कि कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ सकते हैं। जहां नेता प्रतिपक्ष बनने की दौड़ में पूर्व मंत्री गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री बाला बच्चन सबसे आगे हैं।