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आर्थिक संकट में मध्य-प्रदेश, शिव का खजाना हुआ फिर खाली, लिया कर्ज..
आर्थिक संकट में मध्य-प्रदेश, शिव का खजाना हुआ फिर खाली, लिया कर्ज..
भोपाल। प्रदेश सरकार ने 30 दिन में चौथी बार बाजार से 1 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है. शिव सरकार बनने के बाद 7 महीने के कार्यकाल में 10 वीं बार कर्ज ले रही है।
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22 हजार करोड़ बढ़ा कर्ज
वित्त विभाग के नोटिफिकेशन के तहत 4 नवंबर को एक हजार करोड़ रुपए 20 साल के लिए लेने की प्रक्रिया पूरी की गई है। जानकारी के मुताबिक सरकार पर जनवरी से अब तक 22 हजार करोड़ का कर्ज बढ़ा है। केंद्र से 4440 करोड़ का अतिरिक्त कर्ज लेने की मंजूरी मिली है। नोटिफिकेशन के तहत सरकार विकास कार्यों के लिए यह कर्ज लिया है।
कब-कब लिए कर्ज
जानकारी के मुताबिक इससे पहले सरकार ने 21, 13, 7 अक्टूबर और 10 सितंबर को भी बाजार से एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. जबकि 4 अगस्त और 7 जुलाई को सरकार 2 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है। 2 जून और 7 अप्रैल को सरकार ने 500 करोड़ का कर्ज लिया था। इससे पहले सरकार 30 मार्च को 1500 करोड़ रुपये मांग चुकी थी।
कर्ज की यह है वजह
दरअसल, कोरोना संक्रमण की वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. न तो निर्माण कार्य गति पकड़ पा रहे हैं और न ही औद्योगिक गतिविधियां पटरी पर आ पाई हैं. इस कारण करों से होने वाली आय घट गई है. इसके मद्देनजर ही प्रदेश सरकार ने इस बार बजट का आकार लगभग 28 हजार करोड़ रुपये घटाकर 2 लाख 5 हजार करोड़ रुपये से कुछ अधिक रखा है. इसमें भी अधिकांश विभागों पर राशि खर्च करने से पहले वित्त विभाग की अनुमति लेने का प्रावधान कर दिया गया है।
कर्ज की यह प्रक्रिया
सरकार आरबीआई के माध्यम से कर्ज लेती है. इसमें सरकार को यह बताना होता है कि इस राशि को कहां और कैसे खर्च करना है. इसके लिए सरकार नोटिफिकेशन जारी करती है. इसमें कर्ज लेने के कारण की जानकारी दी जाती है। आरबीआई की अनुशंसा के बाद सरकार इस कर्ज को लेती है. यह पैसा आरबीआई में रजिस्टर्ड वित्तीय संस्थाएं देती हैं।
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