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एमपी की 7 हजार छात्राएं नहीं कर पायीं ग्रेजुएशन, सरकार ने बीच में ही बंद कर कोर्स
मध्य प्रदेश की 7 हजार महिलाओं के ग्रेजुएट होने का सपना अधूरा ही रह गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बैचलर ऑफ सोसल वर्क के इस कोर्स को शासन द्वारा बीच में ही बंद कर दिया गया है। अब स्थिति यह है कि संबंधित महिलाओं को किसी अन्य संस्थान में भी एडमीशन नहीं मिल पा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश की आंगनबाड़ी और एएनएम कार्यकर्ताओं के साथ घरेलू महिलाओं को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने बैचलर ऑफ सोसल वर्क 2016 में प्रारंभ किया था। इसे सरकार द्वारा कम्यूनिटी लीडरशिप नाम दिया गया था।
इसमें प्रदेश की सवा लाख से अधिक महिलाओं ने प्रवेश लिया था। जिससे वह ग्रेजुएट हो सकें। लेकिन इनमें से करीब 7 हजार का सपना अधूरा रह गया। क्योंकि इसे वर्ष 2016 में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विवि ने शुरू किया था। जिसे कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया। जब 2020 में भाजपा दोबारा सत्ता में आई तो इस कोर्स को शुरू नहीं किया गया। बल्कि दूसरी कक्षाओं को भी बंद कर दिया गया। अब समस्या यह है कि इन महिलाओं को दूसरी जलग प्रवेश नहीं मिल रहा। उल्लेखनीय है कि ऐसा एक कोर्स जन अभियान परिषद ने भी शुरू किया है। उसमें भी इन महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा। विवि का कहना है कि इन्हें अलग से अवसर देंगे। जुलाई से दोबारा कोर्स प्रारंभ करेंगे।
क्यों शुरू किया था प्रोग्राम
बताया गया है कि बीएसडब्ल्यू कोर्स को कम्युनिटी लीडरशिप नाम दिया गया था। मकसद था सरकारी नौकरी करने वाली महिलाओं के साथ घरेलू महिलाएं भी इसमें एडमीशन लेकर ग्रेजुएशन कर सकें। 18 से 45 वर्ष तक की 12वीं पास महिलाओं के लिए डिग्री, डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया था। सरकार ने 37 जिलों में ट्रेनिंग सेंटर बनाए थे। कोर्स में विकास व समस्याएं एवं मुद्दे, नेतृत्व विकास, संचार व विकास के लिए जीवन कौशल शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, बाल विकास आदि विषय शामिल थे।
वर्जन
यह बात सही है कि 7 हजार विद्यार्थी बीएसडब्ल्यू कोर्स नहीं कर पाए थे। जुलाई से इसे दोबारा शुरू कर सकते हैं। इनके लिए विवि विशेष व्यवस्था करेगा।
डा. अमरजीत सिंह निदेशक, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विवि