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मैहर: अद्भुत शक्तिवान है त्रिकूट पर्वत की माता रानी, पहुंचते है लाखो भक्त, आल्हा और उदल करते है सबसे पहले माँ के दर्शन
मैहर: अद्भुत शक्तिवान है त्रिकूट पर्वत की माता रानी, पहुंचते है लाखो भक्त, आल्हा और उदल करते है सबसे पहले माँ के दर्शन
मैहर। कहते हैं मां हमेशा ऊंचे स्थानों पर विराजमान होती हैं। जिस तरह मां दुर्गा के दर्शन के लिए पहाड़ों को पार करते हुए भक्त वैष्णो देवी तक पहुंचते हैं। ठीक उसी तरह मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर में भी 1063 सीढ़ियां लांघ कर माता के दर्शन करने भक्त जाते हैं।
मां का हार
मैहर का मतलब है मां का हार। मैहर नगरी से 5 किलोमीटर दूर त्रिकूट पर्वत पर माता शारदा देवी का वास है। मां शारदा देवी का मंदिर पर्वत की चोटी के मध्य में। देश भर में माता शारदा का अकेला मंदिर सतना के मैहर में ही है। इसी पर्वत की चोटी पर माता के साथ ही श्री काल भैरवी, भगवान, हनुमान जी, देवी काली, दुर्गा, श्री गौरी शंकर, शेष नाग, फूलमती माता, ब्रह्म देव और जलापा देवी की भी पूजा की जाती है।
आल्हा और उदल करते है सबसे पहले माँ के दर्शन
ऐसी मान्यता है कि आल्हा और उदल जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान के साथ युद्ध किया था, वे भी शारदा माता के बड़े भक्त हुआ करते थे। आल्हा और ऊदल ने ही सबसे पहले जंगलों के बीच शारदा देवी के इस मंदिर की खोज की थी। इसके बाद आल्हा ने ही इस मंदिर में 12 सालों तक तपस्या कर देवी को प्रसन्न किया था। माता ने उन्हें अमरत्व का आशीर्वाद दिया था।
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कहा जाता है कि आल्हा माता को शारदा माई कह कर पुकारा करते थे, जिस वजह से यह मंदिर भी शारदा माई के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया। आज भी यही मान्यता है कि माता शारदा के दर्शन हर दिन सबसे पहले आल्हा और उदल ही करते हैं। मंदिर के पीछे पहाड़ों के नीचे एक तालाब है, जिसे आल्हा तालाब कहा जाता है। यही नहीं, तालाब से 2 किलोमीटर और आगे जाने पर एक अखाड़ा मिलता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां आल्हा और उदल कुश्ती लड़ा करते थे।
मां शारदा का हुआ विशेष श्रृंगार और आरती
त्रिकूट पर्वत पर विराजमान मैहर की मां शारदा का नवरात्र के पहले दिन विशेष श्रृंगार और आरती हुई। मध्य प्रदेश शासन से दिशा निर्देश मिलने के बाद इस बार मां शारदा के धाम मैहर में खास इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धा का केंद्र माने जाने वाले मां शारदा की नगरी मैहर में शनिवार सुबह से भक्तों का आना जाना शुरू हो गया।
हजारों भक्तों के आने की उम्मीद के चलते पुलिस और प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां कर रखी थी। सुबह 4 बजे से ही लाइन लगाकर श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करने लगे। सभी श्रद्धालुओं को चेहरे पर मास्क लगाने और हाथ सैनिटाइज करने के निर्देश दिए गए थे।
इसके साथ ही होटल, लॉज और धर्मशाला प्रबंधकों को भी नियमों का पालन कराने कड़ाई से निर्देश दिए गए थे। मैहर में बस ट्रेन और सड़क मार्ग से भी यात्रियों ने प्रवेश किया और मां के जयकारों के साथ आदिशक्ति मां शारदा के दर्शन किए। प्रातः काल मां की आरती के साथ भक्तों ने भी मां से मनोकामना पूर्ति की इच्छा जताई।