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एमपी में 13 माह के भीतर खोलने होंगे 605 संजीवनी क्लीनिक, नहीं तो राशि हो जाएगी लैप्स
भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में प्रदेश के लिए 611 संजीवनी क्लीनिक खोलने की स्वीकृति दी गई थी। किन्तु इस वर्ष अभी तक केवल 6 संजीवनी क्लीनिक ही खुल पाए गए हैं। ऐसे में यदि 605 बचे हुए क्लीनिक अगले वित्तीय वर्ष में नहीं खुल पाते हैं तो भवन निर्माण के लिए प्रदान की गई राशि लैप्स हो जाएगी।
संजीवनी क्लीनिक के लिए मिले थे 25 लाख
केन्द्र सरकार द्वारा एमपी में कुल 611 संजीवनी क्लीनिक खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसके लिए राशि भी मुहैया कराई गई थी। बताया गया है कि प्रति क्लीनिक भवन के लिए 25 लाख रुपए की राशि केन्द्र द्वारा नगरीय निकायों को प्रदान की गई थी। जब तक भवन तैयार न हो जाए स्थानीय निकायों को किराए का भवन उपलब्ध कराना था किन्तु यह कार्य भी नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय निकायों के बीच सामंजस्य की कमी होना इसी प्रमुख वजह माना जा रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर में 26 जनवरी को 26 मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक खोलने की तैयारी थी किंतु अभी तक मात्र 6 ही खुल पाए हैं। इस वित्तीय वर्ष में अधिक से अधिक 10 और संजीवनी क्लीनिक ही खुल पाने की संभावना जताई गई है।
संजीवनी क्लीनिक की सुविधाएं
संजीवनी क्लीनिक में पहुंचने वाले मरीजों को काफी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। यहां 230 तरह की दवाएं निःशुल्क प्रदान करने के साथ ही किडनी फंक्शन, लिवर फंक्शन समेत 45 तरह की जांचें भी निःशुल्क होती हैं। सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच क्लीनिक में ओपीडी की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। नए संजीवनी क्लीनिक खुल जाने से जिला अस्पताल और मेडिकल काॅलेज से संबद्ध अस्पतालों में मरीजों को लगने वाली भीड़ से निजात मिलती। इन क्लीनिकों में समय-समय पर शिविर लगाकर भी मरीजों की जांच की जाएगी। जिसके कारण डायबिटीज, कैंसर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों की जल्दी पहचान हो सके। बताया गया है कि शहरी बस्तियों में 25 हजार की आबादी पर संजीवनी क्लीनिक खोले जाते हैं। जिससे वहां के रहवासियों को सामान्य बीमारियों का इलाज मौके पर ही मिल सके। प्रदेश में वर्ष 2019 में संजीवनी क्लीनिक की शुरुआत हुई थी।