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क्या फिर आइसोलेट होना पड़ेगा मुख्यमंत्री सिंह शिवराज चौहान को, जाने ऐसा क्यों?
क्या फिर आइसोलेट होना पड़ेगा मुख्यमंत्री सिंह शिवराज चौहान को, जाने ऐसा क्यों?
कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए मध्य प्रदेश शासन लगातार प्रयास कर रहा है. बावजूद इसके राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने के बजाय दिनों-दिन बढ़ रही है. मुख्यमंत्री शिवराज हाल ही में कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं. जिसके बाद उन्होंने पहले की तरह ही काम शुरू किया. इसी बीच सीएम दोबारा इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान एक कोरोना संक्रमित के संपर्क में आ गए हैं.
दरअसल पिछले शुक्रवार को सीएम शिवराज ट्रेचिंग ग्राउंड में बायोमेथेनाइजेशन प्लांट के शिलन्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे. जहां लोकार्पण के लिए नगर निगम उपायुक्त अरुण शर्मा द्वारा सीएम को रिमोट पकड़ाया गया. चिंता की बात ये है कि अरुण शर्मा की कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. सीएम के साथ मंच पर भाजपा के कई दिग्गज नेता भी मौजूद थे. जिन सभी पर कोरोना संक्रमण का खतरा बन गया है.
जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम के आयोजन का सारा कार्यभार अरुण शर्मा संभाल रहे थे. इसी के चलते सीएम को रिमोट थमाने के लिए अरुण शर्मा ही आगे बड़े. हालांकि ये उनकी बड़ी लापरवाही है. बताया जा रहा है कि उनके साथ कमरे में बैठने वाले एक अधिकारी पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव निकले थे. खुद को आइसोलेट कर कोरोना जांच कराने के बजाये अरुण शर्मा लगातार दफ्तर आते रहे और लोगों के संपर्क में भी रहे.
क्या CM को फिर होना पड़ेगा आइसोलेट?
कहा जाता है जो व्यक्ति कोरोना संक्रमण से ठीक हो जाता है उसका शरीर एंटीबॉडी बन जाता है. लेकिन हाल ही में एक शोध से पता चला है कि कोरोना वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी हल्के लक्षण वाले मरीजों में कुछ समय ही रहती है. अगर इस बात पर गौर किया जाए तो मुख्यमंत्री खतरे में नहीं है पर मंच पर मौजून अन्य नेताओं पर खतरा मंडरा रहा है.
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