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एमपी के सबसे बड़े जैन मंदिर का काम 50 प्रतिशत पूरा, आइए जानते हैं क्या रहेगी खासियत
मध्यप्रदेश में सबसे बड़े जैन मंदिर का कार्य द्रुत गति से चल रहा है। इसका निर्माण कार्य भी 50 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है। यह दिगंबर जैन मंदिर कई खासियत लिए हुए है। जिसका निर्माण पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं को पीले पत्थरों पर की जा रही नक्काशी में नागर शैली की झलक देखने को मिलेगी। करोड़ों की लागत से इस मंदिर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
125 करोड़ की लागत से बन रहा जैन मंदिर
एमपी के भोपाल में रानी कमलापति स्टेशन के समीप दिगंबर जैन मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है। यह प्रदेश का ऐसा जैन मंदिर है जिसमें ध्यान कक्ष बन रहा है। इसमें जाने के लिए दो सुरंगनुमा रास्ते बनाए गए हैं। बताया गया है कि इसका डोम गुंबद आकार का न होकर तवानुमा है। दिगंबर जैन पंचायत मंदिर ट्रस्ट के मनोज बांगा के मुताबिक मंदिर में लगने वाले पत्थरों को भुज से लाया जा रहा है। जबकि इसको तराशने वाले कारीगर मकराना, गुजरात और उड़ीसा से आए हैं। मंदिर का निर्माण 125 करोड़ की लागत से कराया जा रहा है। कार्य पूर्ण होने के बाद इस मंदिर की नक्काशी 2 हजार साल तक वैसी ही रहेगी जैसी लोकार्पण के समय रहेगी।
एमपी के सबसे बड़े जैन मंदिर की खासियत
भोपाल में तैयार हो रहे एमपी के सबसे बड़े जैन मंदिर की ऊंचाई शिखर समेत 153 फीट होगी। यहां मूलनायक भगवान की मूर्ति समेत 38 प्रतिमाएं होंगी। इस मंदिर का निर्माण कार्य 35 हजार वर्गफीट में कराया जा रहा है। जिसमें पार्किंग का निर्माण भी होगा यहां 250 कारें पार्क हो सकेंगी। इसका निर्माण कार्य 250 कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। इस मंदिर के निर्माण के लिए जो पत्थर मंगाए गए हैं वह टूटता नहीं है, पत्थरों पर ढाई इंच कार्बिंग किया जा सकता है।
वर्ष 2025 तक बनकर होगा तैयार
बताया गया है कि इस मंदिर की डिजाइन दिल्ली में अक्षरधाम बनाने वाले अहमदाबाद के आर्किटेक्ट वीरेन्द्र त्रिवेदी द्वारा तैयार की गई है। परिसर में 10 मंजिला मंदिर सहस्त्रकूट का निर्माण भी कराया जाएगा। मंदिर निर्माण समिति के मुख्य संयोजक राकेश जैन ओएसडी के मुताबिक आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रेरणा से वर्ष 2015 में इस मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। जिसके वर्ष 2025 तक बनकर तैयार हो जाने की संभावना जताई गई है।