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मध्यप्रदेश में फिर शुरू हुई ये बड़ी योजना, प्रदेश भर के किसानों को मिलेगा लाभ
भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के एक बार फिर से आने के बाद कमलनाथ द्वारा बंद की गई शिवराज सरकार की योजनाओं को फिर से लागू करना शुरू कर दिया है। शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश में सम्बल के बाद 'भावान्तर योजना' फिर से शुरू करने का फैंसला लिया है। इस योजना के तहत प्रदेश भर के किसानों को लाभ मिलेगा। सरकार तिवड़ा मिश्रित चने की खरीदी पर 500 रूपए प्रति किलो के भाव भुगतान करने जा रही है।
प्रदेश में अब तक 4875 रूपए प्रति क्विंटल के दर से सवा साल मेट्रिक टन चने की खरीदी हो चुकी है। कोरोना संकट से राहत दिलाने के लिए किसानों की फसल को सरकार ने समर्थन मूल्य में खरीदना शुरू कर दिया है।
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15 अप्रैल से गेहूं की खरीदी का सिलसिला जारी है, जो आगामी 31 मई तक चलेगा। अभी तक प्रदेश में 112 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खरीदा जा चुका है। 12 लाख से ज्यादा किसानों को 12 हजार करोड़ रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया जा चुका है।
अधिकतम खरीदी सीमा खत्म होगी
उधर, सरकार एक किसान से एक दिन में अधिकतम 40 क्विंटल चना खरीदने की सीमा खत्म कराएगी। इसके लिए प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से बात करके उपार्जन की अधिकतम सीमा को समाप्त करने की मांग उठाई है।
पटेल का कहना है कि समर्थन मूल्य पर एक दिन में 40 क्विंटल से ज्यादा चना, मसूर और सरसों नहीं खरीदने का प्रावधान है। इसके कारण किसानों को बार-बार मंडियों में आना पड़ता है, जो लॉकडाउन के इस दौर में परेशानी का कारण बनता है।
एक करोड़ मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ का ऐतिहासिक उपार्जन-मंत्री श्री राजपूत
शिवराज सरकार के खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया गया कि 100 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य रखा था लेकिन यह सीमा पार हो चुकी है। कुछ जगहों पर बोरों की कमी सामने आई है।
इसका असर खरीदी पर भी पड़ा है। पश्चिम बंगाल से प्लास्टिक बैग आ रहे थे लेकिन तूफान की वजह से समस्या आई है। अन्य राज्यों से संपर्क करके बारदाने का इंतजाम किया जा रहा है।
12 लाख किसानों को 12 हजार करोड़ का भुगतान
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण एवं सहकारिता मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते गेहूँ की बम्पर पैदावार के बाद 12 लाख किसानों से गेहूँ का ऐतिहासिक उपार्जन किया गया।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक एक करोड़ दस लाख मीट्रिक टन गेहूँ किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया। इससे पहले प्रदेश में सर्वाधिक उपार्जन 84.90 लाख मीट्रिक टन किया गया था। मध्यप्रदेश के 12 लाख किसानों के खातों में 12 हजार करोड़ रुपये ऑनलाइन जमा कराये जा चुके है।
एक दिन में गेहूँ का रिकार्ड उपार्जन
श्री राजपूत ने बताया कि लॉकडाउन के कारण श्रमिकों की कमी एवं गेहूँ की कटाई में देरी के बाद भी प्रदेश के 19 लाख 52 हजार किसानों से उनकी उपज समर्थन मूल्य पर खरीदी गई है। उन्होंने बताया कि एक दिन में गेहूँ का 4 लाख 98 हजार 578 रिकार्ड उपार्जन दर्ज किया गया, जो अपने आप में एक रिकार्ड है।
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कुल उपार्जित गेहूँ का 85 प्रतिशत का परिवहन किया जाकर गोदामों में सुरक्षित पहुँचाया जा चुका है। उज्जैन, मक्सी, महिदपुर में गोदाम भर जाने के कारण शेष गेहूँ को होशंगाबाद के गोदामों में सुरक्षित रखने के लिये परिवहन किया गया। भण्डारण के लिये पारंपरिक तकनीक के साथ आधुनिक स्टील सायलों एवं सायलों बैग का उपयोग किया गया है।
चना उपार्जन में किसानों को मिलेगा भावांतर का लाभ
मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि एक लाख पच्चीस हजार मीट्रिक टन. चने का उपार्जन समर्थन मूल्य पर 4 हजार 875 रूपये प्रति क्वि. के मान से किया गया। प्रदेश के कुल 83 हजार किसान इससे लाभांवित हुए। उन्होंने बताया कि तिवडा मिश्रित चना खरीदी पर भावांतर योजना के अंतर्गत किसानों को 500 रूपये प्रति क्विंटल भावांतर का लाभ दिया जायेगा।
कोविड-19 योद्धा योजना में शामिल करेंगे
मंत्री श्री राजपूत ने विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिये बधाई दी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में गेहूँ उपार्जन में लगे खाद्य एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के योगदान को देखते हुए उन्हें कोविड-19 योद्धा योजना का लाभ भी दिये जाने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है।