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नहीं रहें देव प्रभाकर शास्त्री 'दद्दाजी', विंध्य-महाकौशल में शोक की लहर
नहीं रहें देव प्रभाकर शास्त्री 'दद्दाजी', विंध्य-महाकौशल में शोक की लहर
कटनी/जबलपुर। गृहस्थ संत देव प्रभाकर शास्त्री 'दद्दा जी' का रविवार को निधन हो गया। उनके निधन से विंध्य और महाकौशल क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। रात करीब सवा आठ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
गृहस्थ संत देवप्रभाकर शास्त्री की हालत गंभीर थी और वे वेंटीलेटर पर थे। दिल्ली से शनिवार रात नौ बजे दद्दा जी को एयर एंबुलेंस से जबलपुर लाया गया। यहां से उन्हें कटनी ले जाया गया। इसके बाद ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी।
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दद्दा जी के भक्त और प्रदेश के पूर्व मंत्री संजय पाठक ने संदेश जारी कर उनके गंभीर होने की जानकारी दी थी।
गृहस्थ संत पंडित देवप्रभाकर शास्त्री कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और उनका दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इलाज चल रहा था। शनिवार शाम उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई और चिकित्सकों ने उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट दिया। इसके बाद दिल्ली से रात करीब आठ बजे दो निजी हवाई जहाज जबलपुर के लिए उड़े।
गृहस्थ योगी संत देवप्रभाकर शास्त्री दद्दा जी के दुःखद निधन का समाचार प्राप्त हुआ। शिवलिंग निर्माण की बात हो या मानव सेवा व परोपकार की , दद्दा जी ने सदैव समाज व धर्म के लिये जीवनपर्यन्त अपना अमूल्य योगदान दिया। उनका निधन एक ऐसी क्षति है जो सदैव अपूरणीय रहेगी। 1/2 pic.twitter.com/fehJCvnDt8
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 17, 2020
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दद्दा जी को लेने के लिए उनके अनुयायी बड़ी संख्या में डुमना विमानतल पहुंचे। करीब आधे घंटे बाद यहां दद्दाजी को सड़क मार्ग से कटनी ले जाया गया।