मध्यप्रदेश

Shivraj Cabinet : नाम तय, अब हाईकमान से हरी झंडी मिलने का इंतज़ार

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:50 AM IST
Shivraj Cabinet : नाम तय, अब हाईकमान से हरी झंडी मिलने का इंतज़ार
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शिवराज मंत्रिमंडल: नाम तय, अब हाईकमान से हरी झंडी मिलने का इंतज़ार भोपाल। चौथी बार मध्यप्रदेश की कमान संभालने वाले Shivraj Cabinet

शिवराज मंत्रिमंडल (Shivraj Cabinet) : नाम तय, अब हाईकमान से हरी झंडी मिलने का इंतज़ार

भोपाल। चौथी बार मध्यप्रदेश की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मंत्रिमंडल (Shivraj Cabinet) 25 दिन बाद भी गठित नहीं हो पाया है। राज्य में कोरोना संकट की विकट स्थितियों से निपटने के लिए कैबिनेट गठन का दबाव बढ़ रहा है। सूची बन चुकी है, नाम तय हैं, बाकी की तैयारियां भी पूरी हैं। इंतजार पार्टी हाईकमान की हरी झंडी का है।

जल्द ही मंत्रियों को दिलाई जा सकती है शपथ

सूत्र बताते है कि अगले दो-तीन दिन में मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुरुवार और शुक्रवार को दिल्ली में सक्रियता और भाजपा नेताओं से मुलाकात को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है। पहली खेप में मंत्रियों की संख्या को लेकर सियासी और प्रशासनिक हलकों में अटकलों का दौर चलता रहा।

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सिंधिया समर्थकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय

मंत्रिमंडल गठन के सवाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही कह चुके हैं कि उनकी प्राथमिकता अभी मंत्रिमंडल के बजाए कोरोना संकट से निपटने की है। सिंधिया समर्थकों में से कितने लोग मंत्रिमंडल में आएंगे और कैबिनेट का स्वरूप कैसा होगा, यह सब कुछ पहले ही तय हो चुका है।

हाईकमान के फैंसले का इंतज़ार

मंत्रिमंडल कब शपथ लेगा, तारीख का फैसला दिल्ली में हाईकमान को लेना है। इसलिए सबकी नजरें दिल्ली की ओर ही लगी हुई हैं। सूत्र बताते हैं कि फिलहाल जो मंत्रिमंडल होगा उसका आकार छोटा होगा। इसमें सिंधिया समर्थकों की संख्या को लेकर मामला अटका हुआ है। भाजपा की ओर से मामला साफ है कि कौन-कौन से वरिष्ठ नेताओं को शपथ दिलाई जानी है।

इन लोगों को मिल सकता है मंत्री पद

तुलसी सिलावट, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, गोविंद सिंह राजपूत के अलावा कांग्रेस छोड़कर आए एंदल सिंह कंसाना और हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह दत्ती गांव और बिसाहू लाल सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले बाकी अन्य 12 विधायकों को भी निगम मंडलों में एडजस्ट किया जाएगा।

क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद

शिवराज की नई सरकार में सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद होगी। क्षेत्रीय स्तर पर प्रदेश के सभी संभागों से मंत्री बनाने के साथ सामाजिक समीकरण के स्तर पर क्षत्रिय, ब्राह्मण, पिछड़े, अनुसूचित जाति और आदिवासी समाज को प्रतिनिधित्व दिए जाने की संभावना है। मगर कहीं-कहीं भौगोलिक संतुलन बिगड़ रहा है। सागर जिले की ही बात करें तो वहां से गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह के साथ गोविंद सिंह राजपूत भी कैबिनेट में शामिल होने वाले तीसरे दावेदार बन गए हैं। इधर विंध्य से कांग्रेस को चारों खाने चित्त कराने वाले राजेंद्र शुक्ला को मंत्रिमंडल में जगह देना ही होगा। यही हाल रायसेन जिले का है। यहां से प्रभुराम चौधरी के साथ रामपाल सिंह भी मंत्री बनने की दौड़ में हैं। सभी को जगह देना शिवराज के लिए चुनौती है।

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