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भोपाल में पकड़े गए 4 आतंकी, तैयार कर रहे थे आंतकी सेल
Bhopal Terrorist News (भोपाल में आतंकवादियों की न्यूज़) : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का भोपाल (Bhopal) आंतकियों का ठिकाना बनकर सामने आया है। यह तब स्पष्ट हो पाया जब एटीएस (ATS) ने 4 आतंकियों को पकड़ लिया। अभी तक की पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि आंतकी बाग्लादेशी है। वे प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-ए-मुजाहिद्दीन (Jamaat-e-Mujahideen) के सदस्य हैं।
तैयार कर रहे थें आंतकी प्लान
एटीएस की जांच में बताया जा रहा है कि भोपाल के दो अलग-अलग स्थानों में रहकर वे आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। प्लान के तहत भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जाना था। पकड़े गए दो आतंकी ऐशबाग इलाके की फातिमा मस्जिद के पास किराए से रह रहे थे। इनकी निशानदेही पर करोंद इलाके की खातिजा मस्जिद के करीब एक घर में रह रहे 2 और आतंकियों को पकड़ा गया। हिरासत में लिए गए आतंकियों के पास से काफी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं।
देर रात पुलिस ने दे थी दबिश
जानकारी के तहत एमपी में आंतकियों के होने की गोपनीय सूचना एटीएस को प्राप्त हुई थी। जिस पर एटीएस उनकी पता साजी के लिए गोपनीय तौर पर जानकारी जुटा रही थी। सूचना के आधार पर शनिवार देर रात 3ः30 बजे पुलिस ऐशबाग पहुंची और एक बिल्डिंग में छापा मारा। यहां पुलिस के आने की भनक लगने पर आतंकियों ने दरवाजा नही खोला। जिसके बाद पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई और वहां से दो लोगों को पकड़ लिया।
इनकी हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने जिन चार आंतकियों को गिरफ्तार किया है। उनमें फजहर अली उर्फ मेहमूद पिता अशरफ इस्लाम 32 वर्ष, मोहम्मद अकील अहमद पिता नूर अहमद शेख 24 वर्ष, जहूरउद्दीन उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली पिता शाहिद पठान 28 वर्ष एवं फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल हसन उर्फ हुसैन पिता अब्दुल रहमान है।
आंतकी गति विधियों में शामिल रहा है सगंठन
खबरो के तहत वर्ष 2005 में बांग्लादेश के 50 शहरों व कस्बों में 300 स्थानों पर करीब 500 बम विस्फोट हुए थे। ये धमाके जेएमबी ने ही कराए थे। इसी तहर वर्ष 2014 में पश्चिम बंगाल के बर्धमान में, 2018 में बोधगया में बम ब्लास्ट हुआ था, वो भी इसी संगठन ने किया था। साल 2019 में भारत सरकार ने इसे 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया।
किराए पर ले रखे थें कमरा
घर मालकिन ने पुलिस को बताया कि कम्प्यूटर मैकेनिक सलमान ने उक्त युवकों को किराए पर घर दिलवाया था। वे तकरीबन तीन माह से यहां रह रहे थें, और वे साढ़े तीन हजार रुपए महीने घर का किराए देते थें, जबकि चर्चा यह भी कि उक्त युवक काफी समय से यहां रह रहे थें।
सिमी आंतकियों का भी हो चुका है भंडाफोड़
ये बात पहले भी सामने आ चुकी है कि आतंकी ऐसे इलाकों को ठिकाना बनाते हैं, जहां का इलाका शांत होता है। इसके पहले इंदौर, उज्जैन के पास महिदपुर और उन्हैल इलाके से भी सिमी आतंकियों के तार जुड़े थे। इंदौर के करीब जंगल में सिमी आतंकी हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेते थे।