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मध्य प्रदेश में नियुक्ति के इंतजार में 32 हजार शिक्षक, 75 की हो चुकी मौत, फिर एक चयनित ने कीटनाशक पीकर की आत्महत्या
भोपाल। प्रदेश में 32 हजार से अधिक चयनित शिक्षक नियुक्ति के इंतजार में हैं। ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट से स्टे लगा हुआ है। तीन वर्ष से नियुक्ति की राह देख रहे 75 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। इसमें कई ऐसे चयनित शिक्षक भी है जिन्होंने डिप्रेशन में आत्महत्या भी कर रहे हैं। हाल के दिनों में खरगौन के अकावल्या निवासी राकेश पाटीदार ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली।
पात्रता परीक्षा में अर्जित किये थे 97.87 प्रतिशत अंक
जानकारी के अनुसार शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित पात्रता परीक्षा में खरगौन के राकेश पाटीदार वर्ग-1 में शामिल हुए थे। उन्होने 97.87 प्रतिशत अंक के साथ मेरिट सूची में पांचवां स्थान बनाया लेकिन नियुक्ति के लिए भटक रहे है। नियुक्ति न होने से परेशान रोकेश पाटीदार ने मंगलवार को कीटनाशक पी लिया। वहीं साथ रहे बेटे को भी जहर पिला दिया। दोनो बेहोशी की हालत में सड़क पर पडे़ मिले। लोगों द्वारा जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही मौत हो गई।
लोगो ने जताया विरोध
आये दिन हो रही चयनित शिक्षकों की मौत के मामले पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत अन्य स्थानीय लोगों तथा स्वयं चयनित शिक्षकों का कहना है कि सरकार शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है। हाईकोर्ट का बहाना बनाकर प्रक्रिया में देरी की जा रही है। कई बार आंदोलन करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
वही कांग्रेस पार्टी के लोगों का कहना है कि चयनित शिक्षक जान अपने बेटे के साथ जान दे रहे हैं। सब बेरोजगारी से तंग हैं। आत्महत्या की घटना ने व्यथित कर दिया है। आखिर आप नियुक्ति क्यों नहीं दे रहे है। वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री व राधोगढ़ के विधायक जववर्धन सिंह ने कहा कि नियुक्ति के इंतजार में राकेश पाटीदार ने आत्महत्या कर ली हैं वास्तव में यह आत्महत्या नहीं हत्या है। जिसके जिम्मेदार खरीदी हुई भाजपा सरकार है।