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वाराणसी से मुबंई के बीच बनेगा तीसरा कारीडोर एमपी के लिए होगा वरदान, 40 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
Varanasi-Mumbai will be the third industrial corridor passing: इंडस्ट्रियल कॉरीडोर (Industrial Corridor) न सिर्फ सफर को सुगम बनाएंगे बल्कि रोजगार के दिशा में बड़ी सौगात के रूप में माने जा रहे है। यही वजह है कि सरकार इंडस्ट्रियल कॉरीडोर को तैयार करने के लिए लागतार काम कर रही है। हाल में एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने एनआईसीडीआईटी (NICDIT) की बैठक में वाराणसी से जबलपुर को मुंबई तक जोड़ने के लिए मांग उठाई है। दरअसल पहले चरण में वाराणसी से जबलपुर तक का काम चल रहा है और इसे मुबंई तक जोड़ने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने रखा है।
एमपी में तीसरा कॉरीडोर
ज्ञात हो कि अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो मप्र से गुजरने वाला यह तीसरा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर होगा। इससे पहले दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के नजदीक उज्जैन में विक्रम उद्योग नगरी के विकास काम तेजी से चल रहा है। दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भी सरकार तेजी से जमीन चिन्हित कर रही है। तो वाराणसी से जबलपुर एवं इसे मुबंई तक बढ़ाया जाता है तो एमपी में तरक्की के रास्ते खुलेंगे।
मिलेगा रोजगार
मप्र में इन तीन इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जुड़े इंडस्ट्रियल एरिया विकसित होने पर करीब 40 लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार (Employment) के अवसर बनेंगे। मौजूदा समय में मप्र में स्थित रोजगार कुल 20 लाख लोगों को रोजगार दे रहे हैं। वाराणासी से मुबंई एवं दिल्ली से नागपुर सहित तीनों कॉरीडोर का काम चालू हो जाने से तकरीबन 20 लाख लोगो के लिए फिर से रोजगार के अवसर तैयार होगे वही क्षेत्र में मौजूद खनिज का उपयोग होने से इनकम भी बढ़ेगा और इस क्षेत्र की तरक्की में काम आएगा।
रीवा सहित यह क्षेत्र होगा विकसित
मप्र के पूर्वी हिस्से से निकलने वाले इस कॉरीडोर से एमपी का बहुत बड़ा क्षेत्र विकसित होगा। दरअसल पहले चरण में वाराणसी से जबलपुर तक कॉरिडोर का काम चल रहा है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए रीवा जिले के त्योथर में 56 एकड़ जमीन चिन्हित की है। सतना, रीवा, पन्ना और कटनी में एल्युमिनियम, कोयला, लाइम स्टोन और हीरे जैसे खनिज मिलते हैं। यह एनएच-30 में स्थित है। इसे आगे बढ़ाकर मुंबई तक करने से जबलपुर, इटारसी और खंडवा के आसपास नए औद्योगिक एरिया विकसित होंगे।