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MP News: नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़े गए 20 बारहसिंगा
एमपी के नर्मदापुरम स्थित सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के जंगल में 20 बारहसिंगा का झुंड छोड़ा गया है। यह बारहसिंगा कान्हा नेशनल पार्क से लाए गए हैं। जो न केवल कुनबा बढ़ाने में सहायक होंगे बल्कि बाघों की भूख मिटाने में भी यह मददगार होंगे। यहां उल्लेखनीय है कि पेंच नेशनल पार्क और कान्हा पार्क से तकरीबन 3 हजार चीतल और बारहसिंगा को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व लाने का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य पिछले ढाई वर्षों से जारी है।
लाए जा चुके 1800 चीतल व 100 बारहसिंगा
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगल में हाल ही में कई नए सदस्य आए हैं। अब तक यहां 1800 चीतल और 100 बारहसिंगा को लाने का कार्य किया जा चुका है। पर्यटकों को आकर्षित करने की मुहिम में एसटीआर द्वारा कार्य किया जा रहा है। एसटीआर में घास बड़ी होने के कारण चीतल और बारहसिंगा को यहां लाया जा रहा है। यहां पर उनके अनुकूल माहौल व विचरण करने के लिए बड़ा क्षेत्र भी मौजूद है। यहां पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र समेत दूरदराज से भी पर्यटक पहुंचते हैं। यहां लाए गए चीतल और बारहसिंगा के झुंड भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सहायक होंगे।
450 किलोमीटर का सफर कर पहुंचे
बताया गया है कि कान्हा से 20 बारहसिंगा को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व लाया गया है। क्षेत्र संचालक एल कृष्णमूर्ति के मुताबिक बारहसिंगा ने 450 किलोमीटर का सफर गाड़ी से तय किया। सफर में लगभग 12 घंटे लग गए। विशेष रूप से डिजाइन किए गए परिवहन वाहन में इनको लाने का कार्य किया गया। वाहन में पशु चिकित्सकों की टीम भी मौजूद रही। एसटीआर में विस्थापित किए गए गांवों में बड़ी-बड़ी घास उग आई हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इनके लिए यहां उपयुक्त माहौल व वातावरण भी है। एसटीआर हमेशा से ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। यहां बाघ, तेंदुआ, चीतल, हिरण, बारहसिंगा, हाथी समेत कई वन्य जीव पक्षी मौजूद हैं। जिनका दीदार करने के लिए दूर-दूर से लोग सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पहुंचते हैं।