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एमपी में दसवीं के विद्यार्थियों को हिंदी व अंग्रेजी भाषा लेना होगा अनिवार्य, संस्कृत रहेगा वैकल्पिक विषय
MP Bhopal News: माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) की दसवीं परीक्षा में अब संस्कृत वैकल्पिक विषय रहेगा, जबकि हिंदी व अंग्रेजी भाषा लेना लेना अनिवार्य होगा। मंडल सत्र 2022-23 से यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है। गौरतलब है कि दसवीं परीक्षा में 6 विषय होते हैं। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान, गणित व विज्ञान विषय शामिल है। इसके अलावा नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF) के विषय भी रहेंगे। इस तरह दसवीं में कुल सात विषय हो रहे हैं। मंडल ने अपने जारी निर्देश में कहा है कि दसवीं में हिंदी और अंग्रेजी विषय लेना अनिवार्य होगा। साथ ही विज्ञान, गणित व सामाजिक विज्ञान मुख्य विषय होंगे। छठवें विषय के रूप में विद्यार्थी संस्कृत या एनएसक्यूएफ (NSQF) में से कोई एक विषय ले सकते हैं। इस संबंध में मंडल ने निर्देश जारी कर दिया है, विभागीय अधिकारियों की माने तो मंडल के संस्कृत को वैकल्पिक विषय करने के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग सहमत नहीं है। आगामी दिनों में मंडल अपने आदेश को निरस्त भी कर सकता है, जबकि मंडल का संस्कृत को वैकल्पिक विषय के रूप में लेने के संबंध में तर्क यह है कि अंग्रेजी को वैकल्पिक विषय किया तो विद्यार्थी पहले इसे छोड़ेंगे। जबकि वर्तमान समय में प्रतियोगी परीक्षा समेत हर क्षेत्र में अंग्रेजी की जरूरत पड़ती है। यदि अंग्रेजी को भी वैकल्पिक विषय के रूप में किया गया तो आगामी समय में छात्र के भविष्य पर इसका विपरीत असर पडे़गा।
संशोधित दिशा-निदेश जारी
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा एक बार फिर से सत्र 2022-23 के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किया गया है। इस निर्देश के अनुसार सभी विद्यार्थियों को भाषा विषय में हिंदी और अंग्रेजी लेना अनिवार्य है। इसके अलावा तृतीय भाषा के रूप में विद्यार्थी कौशल आधारित विषय (Skill Based Subject) का चयन तृतीय भाषा के स्थान पर किया जा सकेगा।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
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