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मुरैना के देवरी घड़ियाल संरक्षण केन्द्र द्वारा 30 घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा गया। मई 2020 में इन घड़ियालों के अंडों को संरक्षण केन्द्र लाया गया था जहां इनका लगभग ढाई वर्ष तक पालन पोषण किया गया। चंबल नदी में छोड़े गए इन घड़ियालों में 9 नर व 21 मादा बताए गए हैं।
पूंछ में लगाया गया ट्रांसमीटर
मुरैना जिले के देवरी स्थित घड़ियाल संरक्षण केन्द्र में गुरुवार को सुबह से ही गहमागहमी का माहौल था। 30 घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ने की तैयारी की जा रही थी। स्विमिंग पूल नुमा तालाब में घड़ियाल रखे गए थे। पहले पूल को खाली कर इन्हें पकड़ा गया। जिन्हें बॉक्स में बंद कर चंबल नदी लाया गया और यहां छोड़ा गया। बताया गया है कि इनमें से ज्यादातर की पूंछ में ट्रांसमीटर लगाया गया है जिससे चंबल नदी में उनकी मौजूदगी और लोकेशन का पता आसानी से चल सकेगा।
छोड़े जाने हैं 200 घड़ियाल
देवरी घड़ियाल संरक्षण केन्द्र में इनका पालन-पोषण किया जाता है। इसके बाद इन्हें नदी में छोड़ा जाता है। डीएफओ स्वरूप दीक्षित के मुताबिक कुल 200 घड़ियालों को नदी में छोड़ा जाना है। क्रमबद्ध तरीके से यह काम किया जाएगा। नदी में छोड़ने से पहले इन्हें भरपूर भोजन के रूप में मछलियां प्रदान की जाती हैं। जिससे अगर इन्हें नदी में छोड़े जाने के बाद एक-दो तक भोजन न मिले तो किसी प्रकार की परेशानी न हो।
15 बॉक्सों में भरकर लाया गया
केन्द्र से इन घड़ियालों को सुरक्षा के बीच 15 बॉक्सों में भरकर चंबल नदी तक लाया गया। बॉक्सों को ट्रैक्टर में लोड किया गया था। जिनके आगे अफसरों की जीप चल रही थी तो पीछे ट्रैक्टर में घड़ियालों को लादा गया था। नदी किनारे पहुंचने पर बारी-बारी से सभी बॉक्सों से 30 घड़ियालों को पानी में सुरक्षित छोड़ा गया। आने वाले दिनों में और भी घड़ियाल छोड़े जाने की तैयारी है। चंबल में घड़ियालों को छोड़ा जाना इसलिए सुरक्षित माना जाता है क्योंकि यहां गहराई ज्यादा होने से उनको खाने के लिए आसानी से मछलियां व भोजन मिल जाता है।