मऊगंज

मऊगंज में खूनी संघर्ष: युवक की हत्या के बाद पुलिस पर हमला, ASI शहीद; कई पुलिसकर्मी घायल, पूरा गांव पुलिस की छावनी में तब्दील

मऊगंज में खूनी संघर्ष: युवक की हत्या के बाद पुलिस पर हमला, ASI शहीद; कई पुलिसकर्मी घायल, पूरा गांव पुलिस की छावनी में तब्दील
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मऊगंज के गड़रा गांव में एक युवक की हत्या के बाद आदिवासी परिवार ने पुलिस पर हमला किया, जिसमें एक एएसआई शहीद हो गए। जानिए पूरे मामले की गहराई और तनावपूर्ण हालात।

मऊगंज जिले के गड़रा गांव में एक युवक की हत्या को छिपाने के प्रयास में आदिवासी परिवार ने पुलिस दल पर घातक हमला किया। इस हमले में एएसआई रामचरण गौतम शहीद हो गए और कई अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए।

पुलिस पर हमला

आरोपियों ने गांव के सनी उर्फ राहिल द्विवेदी को अधिया का हिस्सा देने के बहाने बुलाया और बंधक बना लिया। जब पुलिसकर्मी उसे छुड़ाने पहुंचे, तो उन पर जानलेवा हमला किया गया। हमले में टीआई संदीप भारती, तहसीलदार कुमारे लाल पनिका सहित 10 पुलिसकर्मी घायल हुए।

पुरानी रंजिश और बदले की भावना

हमलावरों को शक था कि दो महीने पहले उनके परिजन अशोक कोल की हत्या सनी ने ही की थी, जबकि पुलिस का कहना है कि अशोक की मौत एक सड़क दुर्घटना में हुई थी। बदले की भावना से उन्होंने सनी को बंधक बनाया और मौत के घाट उतार दिया।

गांव में तनाव और पुलिस की तैनाती

घटना के बाद गांव में तनाव और दहशत का माहौल है। दो जिलों के 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। लोगों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

गाँव में अधिकाँश आदिवासी परिवार

गड़रा गांव में लगभग 250 घर हैं, जिनमें अधिकांश आदिवासी परिवार हैं। ब्राह्मण परिवार महज गिनती के ही हैं। मृतक का परिवार हमलावरों के घर से महज 500 मीटर की दूरी पर रहता था। घटना के बाद पुलिस लगातार गश्त कर रही है और बिना अनुमति किसी को भी बाहर जाने की अनुमति नहीं है।

पुलिस की कार्रवाई और पूछताछ

पुलिस ने रात भर आरोपियों की तलाश में छापेमारी की और महेश, प्रयाग कोल, विनोद कोल और रजनीश कोल को गिरफ्तार किया। अब तक 100 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

पुलिस रातभर आरोपियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश देती रही। तड़के महेश और प्रयाग कोल पकड़ में आए। आरोप है कि महेश ने कुल्हाड़ी से पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। वहीं, प्रयाग ने हिंसा भड़काने का काम किया था। इसके बाद दो महीने पहले संदिग्ध हालत में मृत मिले अशोक के बेटे विनोद कोल उर्फ लाला और भाई रजनीश कोल को गिरफ्तार किया गया। दोनों ने सनी को बंधक बनाकर मारपीट की थी, जिससे उसकी मौत हो गई। चारों आरोपी अलग-अलग घरों में छिपे थे। पुलिस ने इनके खिलाफ नामजद एफआईआर भी दर्ज कर ली है।

सनी को बंधक बनाकर हत्या

पुलिस के अनुसार, सनी को अधिया का हिस्सा देने के बहाने बुलाया गया और बंधक बना लिया। बाद में, उन्होंने अन्य लोगों को बुलाकर पुलिस को सूचित किया और सनी की हत्या कर दी।

जब पुलिस दल मौके पर पहुंचा, तो उन पर लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला किया गया। एसडीओपी अंकिता सूल्ये और एसआई आरती वर्मा ने खुद को एक मकान में बंद करके खुद को किसी तरह से बचाया। लेकिन एएसआई रामचरण गौतम को हमलावरों ने आधा किमी तक दौड़ाया, फिर उन पर पत्थर पटक दिया, उन्हे पीटते रहें। एएसआई गंभीर रूप से घायल होकर शहीद हो गए। हमले में टीआई संदीप भारती और ASI जवाहर सिंह यादव को भी गंभीर चोट आई है।

आरोप और परिजनों का बयान

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुलिस समय पर नहीं पहुंची और सनी की हत्या बदले की नीयत से की गई। मृतक के परिजनों का कहना है कि अशोक कोल की मौत से सनी का कोई लेना देना नहीं था, अशोक की मौत एक्सिडेंट में हुई थी।

प्रभारी आईजी साकेत पांडेय ने बताया कि अशोक कोल की मौत एक दुर्घटना में हुई थी, लेकिन आरोपियों ने बदले की भावना से सनी की हत्या की। उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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