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महाराष्ट्र में क्या चल रहा: एकनाथ शिंदे के पास बहुमत, संजय राउत के संपर्क में भी बागी विधायक
What's going on in Maharashtra: महाराष्ट्र में सियासी उठापठक का खेल बदस्तूर जारी है। गुवाहाटी में बैठे एकनाथ शिंदे के पास महाराष्ट्र की MVA सरकार का तख्तापलट करने का पूरा खाखा तैयार है लेकिन ऑपरेशन लोटस के फेल होने का डर बना हुआ है। बागी MLA उद्धव ठाकरे के प्यार से बुलाने पर नहीं माने तो शिवसेना ने बागियों को डराना-धमकाना शुरू कर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संजय राउत के संपर्क में बागी MLA हैं जो कभी भी पलटी मार सकते हैं.
इतना आसान नहीं है उद्धव से सत्ता छीनना
गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे के साथ 34 शिवसेना के और 15 निर्दलीय विधायक होटल रैडिसन ब्ल्यू में रुके हैं. जहां लगातार बैठक चल रही है. उद्धव को सीएम की कुर्सी ने नीचे गिराने की प्लानिंग हो रही है। एक नजरिये से देखा जाए तो एकनाथ के पास सत्ता पलटकर रख देने के लिए पर्याप्त विधायक हैं लेकिन महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार को गिरा देना इतना भी आसान नहीं है. एकनाथ शिंदे का दावा है कि शिवसेना के टोटल 56 विधायकों में से 35 तो अब उनके साथ बागी बन गए हैं. लेकिन मिडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि उन 35 बागियों में से 20 संजय राउत के संपर्क में हैं जो कभी भी एकनाथ को धोका देकर वापस शिवसेना ज्वाइन कर सकते हैं.
बहुमत के लिए चाहिए 144 विधायक
महाराष्ट्र में सत्ता कायम रखने और सत्ता बनाने के लिए किसी भी दल के पास कम से कम 144 MLA का साथ होना चाहिए, सीएम उद्धव ठाकरे के विधायक बागी हो गए हैं तो उनके पास अब बहुमत से कम MLA रह गए हैं. फ़िलहाल बीजेपी के पास 106, समर्थन वाले दल जैसे आरएसपी के पास 1, जेएसएस के पास 1 निर्दलीय 5 मतलब टोटल 113 MLA हैं. जबकि उद्धव की पार्टी में शिवसेना पे पास 56, NCP के पास 53, और कांग्रेस के 44 MLA मिलकर 153 विधायक थे. हालांकि शिवसेना के 56 MLA में से 34 एकनाथ के साथ हो गए हैं. मतलब उद्धव सारकार के पास सिर्फ 112 MLA रह गए हैं. शिंदे का कहना है कि उनके पास 40 से अधिक विधायकों का समर्थन है.
20 बागी टूट सकते हैं
ऐसा कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में सत्ता का पलड़ा एक बार फिर उद्धव सरकार की तरफ झुक सकता है. शिंदे के पास जो 34 शिवसेना MLA हैं वो संजय राउत के संपर्क में हैं. जब महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की नौबत आएगी तब बागी MLA एकनाथ शिंदे को छोड़कर शिवसेना लौट जाएंगें। फ़िलहाल इतना कहा जा सकता है कि एकनाथ शिंदे भी खतरे में हैं और उद्धव ठाकरे की कुर्सी भी.