- Home
- /
- महाराष्ट्र
- /
- अमरावती हत्याकांड क्या...
अमरावती हत्याकांड क्या है? जिसमे केमिस्ट को भी नूपुर शर्मा का सपोर्ट करने के लिए कन्हैयालाल की तरह मार डाला गया
अमरावती मर्डर केस क्या है: देश में इस्लामिक कट्टरता और आतंक इस कदर हिन्दुओं पर हावी हो रहा है कि इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों को भी सज़ा होने लगी है. नूपुर शर्मा का साथ देने वाले दो लोगों को जिहादियों ने जान से मार दिया है. पहला मामला अमरावती के प्रहलादराव कोल्हे का है और दूसरा उदयपुर के कन्हैयालाल का.
देश में कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर रोष व्याप्त है. NIA इस मामले की जांच कर रही है. लेकिन उदयपुर हत्याकांड से ठीक एक हफ्ते पहले महाराष्ट्र के अमरावती में भी दो मुसलमानों द्वारा 54 साल के केमिस्ट उमेश प्रहलादराव कोल्हे की 21 जून के दिन हत्या कर दी थी. इस मामले को महाराष्ट्र सरकार और पुलिस दबा ले गई थी. अब जाकर मालूम हुआ है कि केमिस्ट की हत्या भी इसी लिए हुई थी क्योंकि उसने सोशल मिडिया में I Support Nupur Sharma लिखा था।
अमरावती हत्याकांड का पूरा मामला
Amravati Murder case: मामला महाराष्ट्र के अमरावती का है। 21 जून को रात 10 बजे उमेश प्रहलादराव कोल्हे (Umesh Prahladrao Kolhe) अपनी दुकान 'अमित मेडिकल" को बंद करके स्कूटर में घर लौट रहे थे. उनके साथ दूसरी स्कूटर में उमेश के बेटे संकेत और उनकी पत्नी वैष्णवी थे. बीच रास्ते में आरोपी, उमेश की स्कूटर के सामने आ गए. दोनों ने मिलकर उमेश की गर्दन पर चाकू से कई वार किए. उमेश प्रहलादराव वहीं सड़क पर गिर गए. तभी तीसरा व्यक्ति भी वहां आया और तीनों उमेश पर हमला करने के बाद भाग गए. पीछे से जब संकेत मौके पर पहुंचा तो अपने पिता को सड़क में खून से लथपथ देखा। उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती किया गया लेकिन तबतक उनकी मौत हो चुकि थी.
उमेश ने भी नूपुर शर्मा के समर्थन वाला पोस्ट डाला था
Umesh Prahladrao Kolhe Murder Case: मृतक उमेश प्रहलादराव कोल्हे की हत्या के बाद उनके बेटे संकेत ने पुलिस में इसकी शिकायत लिखवाई। 23 जून को पुलिस ने मुदस्सिर और 25 साल के शाहरुख़ पठान नाम के आरोपियों को पकड़ा। इसके बाद अब्दुल तौफिक, शोएब खान और अतिब रशीद को 25 जून के दिन गिरफ्तार किया गया. जबकि शमीम एहमद, फिरोज एहमद नाम के दो अन्य आरोपियों को पुलिस अबतक नहीं पकड़ पाई है.
रिपोर्ट के मुताबिक "जाँच के दौरान पुलिस को पता चला कि, मृतक उमेश प्रहलादराव कोल्हे ने कुछ दिन पहले व्हाट्सऐप ग्रुप में नूपुर शर्मा का समर्थन वाला एक पोस्ट फॉरवर्ड किया था। यह पोस्ट एक मुस्लिम मेंबर्स वाले ग्रुप में भी चला गया था. पुलिस द्वारा पड़के गए आरोपियों में से एक ने कहा था कि 'उमेश ने पैगम्बर मुहम्मद का अपमान किया था इसी लिए उसे तो मरना ही था"
पुलिस ने पहले अमरावती मर्डर केस को लूट-पाट और हत्या समझा था, लेकिन यहां "नबी की गुस्ताखी" वाला मामला था। मुस्लिम हमलावरों ने उमेश प्रहलादराव को इस लिए मारा क्योंकि उन्होंने नूपुर शर्मा के सपोर्ट वाला मैसेज फॉरवर्ड किया था. लेकिन हत्या के एक सप्ताह से अधिक बीत जाने के बाद अब जाकर अमरावती हत्याकांड देश के सामने आया है.
जिस तरह उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या हुई उसी कारण से पहले उमेश प्रहलादराव का कत्ल जिहादियों ने किया था.