महाराष्ट्र

Sanjay Raut ED: ED की रिमांड में 22 अगस्त तक रहेंगे संजय राउत, 1,043 करोड़ वाले पात्रा चॉल घोटाले के आरोपी हैं

Sanjay Raut ED: ED की रिमांड में 22 अगस्त तक रहेंगे संजय राउत, 1,043 करोड़ वाले पात्रा चॉल घोटाले के आरोपी हैं
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Sanjay Raut ED Patra Chawl Scam: पात्रा चॉल घोटाले के आरोपी शिवसेना सांसद संजय राउत की रिमांड बढ़ा दी गई है

Sanjay Raut ED Patra Chawl Scam: सोमवार को PMLA कोर्ट ने महाराष्ट्र के शिवसेना सांसद और पात्रा चॉल घोटाले के आरोपी संजय राउत की कस्टडी 22 अगस्त तक बढ़ा दी है. Sanjay Raut Patra Chawl Scam मामले में अब 22 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में ही रहेंगे। ED ने उन्हें31 जुलाई को गिरफ्तार किया था जिसके बाद कोर्ट ने ED को 4 अगस्त के लिए ही राउत की रिमांड दी थी, जिसके बाद राउत की कस्टडी 8 अगस्त तक की गई और अब सीधा रिमांड को 22 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है.

बता दें कि संजय राउत पर पात्रा चॉल घोटाले में 1,043 करोड़ रुपए का गोलमाल करने का आरोप है. इसी के साथ ED ने उनकी पत्नी से भी 9 घंटे तक पूछताछ की है. ED ने अबतक राउत और उनकी पत्नी के 11 करोड़ रुपए की संपत्ति को भी जब्त किया है.

22 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे राउत

PMLA ने 22 अगस्त तक राउत को ED की रिमांड में भेजा है, कोर्ट के फैसले के बाद अब उन्हें ऑर्थर रोड जेल ले जाया जाएगा। बता दें कि ED को पात्रा चॉल घोटाले की जाँच पर पता चला है कि साल 2010 में संजय राउत ने अपनी पत्नी वर्षा राउत के नामपर 10 जमीनें खरीदी थीं। ED को संदेह है कि राउत ने पात्रा चॉल में किए घोटाले से अलीबाग में भी प्लॉट खरीदा है.ED वर्षा से उन एक करोड़ रुपए का हिसाब चाहती है जो उनके खाते में आए हैं. वहीं ED यह भी जानना चाहती है कि आरोपी प्रवीण ने राउत की पत्नी के खाते में 55 लाख रुपए क्यों ट्रांसफर किए थे.

पात्रा चॉल घोटाला क्या है

What Is Patra Chawl Scam: मुंबई के गोरेगांव सिद्धार्थ नगर के पात्रा चॉल में 7 एकड़ में 672 घर बने थे, 2008 में MHADA ने यहां डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट शुरू किया, जिसका ठेका आशीष कंस्ट्रक्शन को मिला। यहां 672 घरों को गिराकर 3000 फ्लैट बनाए जाने थे, जिनमे से 672 पुराने किराएदारों को देने थे. बाकी शेष जमीन पर बिल्डर अपना काम कर सकता था.

गुरु आशीष कंपनी और प्रवीण राउत और GACPL ने MHADA को गलत जानकारी दी और 901.79 करोड़ में दूसरे बिल्डर्स को जमीन बेच डाली। आजतक GACPL ने एक भी फ्लैट किराएदारों और MHADA को नहीं दिए. ED का दावा है कि HIDL कंपनी ने प्रवीण राउत को 112 करोड़ रुपए दिए हैं और संजय राउत को इसमें 1.06 करोड़ रुपए मिले हैं.

2010 में वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपए आए थे जिसके बाद उन्होंने दादर में एक फ्लैट और अलीबाग में जमीन के 10 प्लाट खरीद लिए थे.

रियल स्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रहने वाले लोगों को धोखा दिया है. जिस सरकारी जमीन में फ्लैट बनने का काम मिला था उसे दूसरे बिल्डर्स को बेचने का काम किया गया है. ED का कहना है कि पात्रा चॉल घोटाला 1,034 करोड़ का है.

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